असम में भी नेपाली समुदाय ने आयोजित किया लिंगे पिंग खेल

X
Vishvesh Panday28 Oct 2020 3:43 PM GMT
उदालगुरी । एक्शन इंडिया न्यूज़
गोरखा जनजाति का एक विशेष उत्सव जिसे लिंगे पिंग के नाम से जाना जाता है। यह उत्सव सही अर्थों में एक खेल है, जिसे हर वर्ष दुर्गोत्सव के समय खेला जाता है। देश के अन्य हिस्सों की तरह असम के भारत-भूटान सीमावर्ती इलाका के भेलाझार, तामुलपुर, मुसलपुर आदि में भी गोरखा जाति की परंपरा को जीवित रखते हुए लिंगे पिंग खेल का आयोजन किया गया।
गोरखा संप्रदाय के लोग खुले जगह पर चार बांस के टुकड़े और पटसन की रस्सी से पेड़ के तने में झूला बनाकर वृद्ध, पुरुष, महिला, शिशु सभी झूला झूलते हैं। यह मान्यता है कि रावण का वध कर राम जब लौट कर आए थे उस समय गोरखा जनजाति द्वारा काफी आनंद मनाया गया था।
उस परंपरा को आज भी नेपाली समुया द्वारा जिंदा रखा गया है। मनोरंजन खेल को लिंगे पिंग दुर्गोत्सव के समय आयोजित किया जाता है।
Next Story