कमला हैरिस और माइक पेंस की डिबेट गरिमापूर्ण

- कमला हैरिस डिबेट में अपने सटीक तर्कों के बल पर छायी रहीं
- प्रवासी भारतीय समुदाय ने पहली बार अपने वतन की नेत्री को सुना
लॉस एंजेल्स । Action India News
अमेरिका में प्रेज़िडेंशियल डिबेट की शृंखला में उप राष्ट्रपति पद की दौड़ में बुद्धवार को टीवी पर डिबेट में एक ओर भारतीय मूल की डेमोक्रेट कमला हैरिस
कमला हैरिस ने कोरोना संक्रमण के मामले में ट्रम्प नीतियों की कड़ी आलोचना की और कहा कि इन नीतियों की बदौलत देश ने दो लाख दस हज़ार अमेरिकी खो दिए। उन्होंने इसके लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को ज़िम्मेदार ठहराया। इसके विपरीत माइक पेंस ने राष्ट्रपति ट्रम्प की सराहना की कि उन्होंने कोरोना संक्रमण को ठीक से नियंत्रित करने के प्रयास किए।
उन्होंने कहा कि ट्रम्प की जगह बाइडन होते तो वह भी कुछ नहीं कर सकते थे। उन्होंने राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेट उम्मीदवार जोई बाइडन की नीतियों की कथनी और करनी पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले 47 वर्षों के राजनैतिक जीवन में कुछ काम नहीं किया।
चीन के साथ ट्रेड जंग के सवाल पर माइक पेंस ने उल्टा सवाल दाग़ दिया कि यह जंग जोई बाइडन ने कभी नहीं लड़ी। यह डिबेट पश्चमी राज्य ऊटा के साल्टलेक में हुई। चुनाव तीन नवम्बर को होने तय हैं। सुसान पेज का एक सवाल अपने आप में पहेली बन कर उभरा। उन्होंने दोनों से ट्रम्प 74 वर्ष और बाइडन 77 वर्ष को लेकर सवाल पूछा। इस पर दोनों ने सीधा जवाब नहीं दिया।
इस डिबेट में उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की घरेलू और विदेश नीतियों की जमकर सराहना की, तो कैलिफ़ोर्निया में अटार्नी जनरल की सफल भूमिका के बाद सिनेटर कमला हैरिस अपने सटीक तर्कों पर छायी रहीं। यह डिबेट प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए यों भी महत्वपूर्ण रही कि वे पहली बार अपने ही वतन की कैलिफ़ोर्नियाई सिनेटर डेमोक्रेट कमला हैरिस को सुन रहे थे।
इस डिबेट में एक ख़ास बात देखने को यह मिली कि दोनों उम्मीदवार डिबेट के लिए पूरी तरह तैयार हो कर आए थे और दोनों ने टीवी माडरेटर सुसान पेज ( यूएस टूडे) के प्रति भरोसा और सम्मान प्रकट किया। हालाँकि सुसान पेज ने दोनों ही डिबेटर को हावी नहीं होने दिया। पेंस की सराहना करनी होगी कि उन्होंने शुरू में ही कह दिया था कि वह राष्ट्रपति ट्रम्प की नीतियों की सराहना करते हैं, लेकिन वह ट्रम्प नहीं हैं।