दिल्ली

जी-20 की तैयारियां जोरों पर

टीम एक्शन इंडिया/नई दिल्ली
निगम इस साल करीब 150 अस्पतालों से डेंगू के केस की मॉनिटरिंग कराएगा। डेंगू की सटीक रिपोर्ट लेने के बाद जोन आधार पर प्रभावी तरीके से जांच होगी। समय रहते कीटनाशक का छिड़काव, कूलरों, जगह-जगह इकट्ठा पानी में टॉमिफॉस ग्रेन्युल्स का छिड़काव होगा। राष्ट्रीय कीटजनित बीमारी रोकथाम कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों का प्रभावी तरीके से पालन होगा। मरीजों की संख्या घटाने और डेंगू से होने वाली मौतों को रोकने पर फोकस रहेगा। जनवरी से अबतक डेंगू के 41 केस मिले हैं और 292 ऐसे केस दर्ज किए गए, जो मरीज या तो दूसरे राज्यों से थे, या अस्पतालों से जिनके पते ही नहीं मिले। निगम के लिए जी-20 की तैयारियों के मद्देनजर दिल्ली में मच्छरों को पनपने से रोकना सबसे बड़ी चुनौती है। नवंबर में जी-20 की महत्वपूर्ण बैठकें होनी हैं। लाख कोशिशों के बावजूद सितंबर से दिसंबर के बीच हर साल राजधानी में डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया के केस बढ़ने लगते हैं। पिछले साल दिल्ली में डेंगू के 4469 केस आए थे, जिसमें से 693 केस सितंबर में, 1238 के अक्तूबर में, 1420 केस नवंबर और 874 केस दिसंबर में आए। इन्हीं महीनों में नौ लोगों ने डेंगू से जान भी गंवाई। 2021 में डेंगू के 9613 केस आए थे, जिसमें से 217 केस सितंबर में, 1196 केस अक्तूबर में, 6739 केस नवंबर में और 1337 केस दिसंबर में आए। इस साल 23 लोगों ने डेंगू से जान गंवाई। रोकथाम के लिए प्रभावी योजना : निगम ने लार्वी वोरस मछली छोड़ने के लिए 140 जलाशयों को चिह्नित किया है। इस साल 3170 डीबीसी कर्मचारी घरों में ब्रीडिंग चेकिंग के लिए लगाए गए हैं। करीब 2900 फील्ड वर्कर भी सभी 12 जोन में ड्यूटी पर लगाए गए हैं।
रिपोर्ट से ज्यादा होते हैं डेंगू के मामले: हर एक हफ्ते डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की रिपोर्ट एमसीडी जारी करती है। दिल्ली निगम क्षेत्र के अलावा इसमें एनडीएमसी, दिल्ली छावनी और रेलवे कॉलोनी क्षेत्र के मामले शामिल होते हैं। लेकिन इस रिपोर्ट में दर्ज मामलों से कहीं ज्यादा लोग दिल्ली में डेंगू की चपेट में होते हैं। पिछले साल अक्तूबर-नवंबर के बीच डेंगू से कुछ इसी तरह हालात थे, जबकि रिपोर्ट में इसके मुताबिक मामले सीमित थे।

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