केरवा-कलियासोत बाघ भ्रमण क्षेत्र में जगह-जगह से टूटी 12 साल पुरानी फेंसिंग
भोपाल
राजधानी के केरवा और कलियासोत बाघ भ्रमण एरिया में बाघों के मूवमेंट को रोकने के लगी तीन करोड़ की फेंसिंग जगह जगह से टूटने से वहां से वन्य प्राणियों का मूवमेंट अब शहरी इलाकों में बढ़ने लगा है। इस फेंसिंग को अब विभाग नये सिरे से अपडेट करवाने की तैयारी में है। इस समय स्थिति यह है कि केरवा-कलियासोत स्थित टाइगर मूवमेंट एरिया में लगाई गई फेंसिंग जगह-जगह से टूट रही है। इसके कारण वन्य क्षेत्र में नियमों को तोड़कर लोग प्रवेश कर रहे हैं।
वर्तमान में यहां पर टाइग्रेस टी-123 और उसके चार शावकों का मूवमेंट बना हुआ है। ऐसे में लोगों द्वारा की जा रही लापरवाही के कारण कभी भी बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है। वन विभाग द्वारा शहर की ओर टाइगर का मूवमेंट रोकने के लिए लगभग 12 वर्ष पूर्व 12 फीट ऊंची फेंसिंग लगाई गई थी, जो अब जगह जगह से टूटने लगी है। फेंसिंग टूटने से अंदर अतिक्रमण भी बढ़ रहा है और जगह-जगह पर लोगों ने मवेशियों को बांधना और वन भूमि पर निर्माण करना भी शुरू कर दिया है।
अनदेखी से बढ़ रहा अतिक्रमण
गौरतलब है कि यहां पर वन विभाग द्वारा लगभग तीन करोड़ की लागत से 21 किमी लंबी फेंसिंग लगाई थी। यह कुछ जगहों से टूट गई है। इसके कारण लोग अंदर प्रवेश कर रहे हैं। हालांकि इस क्षेत्र में लगातार वन अमला गश्त करता है। जिन पर वन विभाग द्वारा कार्रवाई की जाती है। यहां स्थित बुल मदर फार्म के कर्मचारियों द्वारा फेंसिंग तोड़ रखी है। इस कारण इस क्षेत्र में लगातार टाइग्रेस टी-123 का मवूमेंट होता रहता है। टूटी जालियों में से लोग अक्सर जंगल में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे बड़ी घटना का डर बना हुआ है और वन विभाग की अनदेखी के कारण वन क्षेत्र में अतिक्रमण भी बढ़ रहा है।
विभाग द्वारा समय समय पर टूटी हुई फेंसिंग को दुरस्त कराया जाता है। इसके अलावा सुरक्षा के लिए वन अमला भी लगातार गश्त कर रहा है। नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई भी करते हैं।
– शिवपाल पिपरदे, रेंजर समरधा, भोपाल वन मंडल