6 जिले की 11 योजनाओं के लिए 226.14 करोड़ मंजूरः नंदकिशोर

पटना। एएनएन (Action News Network)
पथ निर्माण मंत्री नंदकिषोर यादव ने कहा है कि विभागीय निविदा समिति ने सूबे के छह जिले की 11 योजनाओं के लिए 226.14 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। स्वीकृत योजना के तहत लगभग 120 किलोमीटर लम्बी सड़कों के जीर्णोद्धार के साथ-साथ चार उच्चस्तरीय आरसीसी पुल का निर्माण किया जायेगा।
उन्होंने शनिवार को यहां बताया कि विभागीय निविदा समिति ने अपनी बैठक में प्रशासनिक स्वीकृति प्रदत्त योजनाओं की वित्तीय बीड पर निर्णय करते हुए जिन जिले की योजनाओं पर मंजूरी की मुहर लगायी है उनमें नालन्दा, दरभंगा, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और समस्तीपुर शामिल हैं । नालन्दा जिले की दो योजनाओं के लिए समिति ने जहां 40.24 करोड़ रूपये की मंजूरी दी है वहीं मुजफ्फरपुर की तीन योजनाओं के लिए 26.32 करोड़ , पूर्वी चंपारण की दो योजनाओं के लिए 22.31 करोड़, समस्तीपुर की दो योजना के लिए 66.61 करोड़, दरभंगा की एक योजना के लिए 11.54 करोड़ और पूर्णिया जिले की एक योजना के लिए 57.10 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।
स्वीकृत योजनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि नालन्दा जिले में बिहारशरीफ के महलपुर मणि बाबा आखाड़ा- तकियापर- छबिलापुर-हरगांव-कतरीसराय पथ के लिए 22.02 करोड़ और नेशनल हाइवे 82 में केरूआ से शेरपुर के लिए 18.21 करोड़, दरभंगा जिले में जाले से अतरवेल-शंकर चौक से घोघराहा चट्टी और जोगिया रामकिया रोड में आरसीसी ड्रेन व क्रास ड्रेन के लिए 11.54 करोड़ पूर्णिया जिले में रूपौली से विजयघाट वाया मोहनपुर रोड सड़क के चौड़ीकरण व मजबूतीकरण के लिए 57.10 करोड़, मुजफ्फरपुर जिले में मीनापुर-बेलसंड रोड में आरसीसी पुल के लिए 04.07 करोड़, मीनापुर-टेंगड़ाहा रोड में इसी प्रकार के पुल के लिए 07.31 करोड़ और औराई-जाले रोड के उन्नयन के लिए 14.93 करोड़, पूर्वी चम्पारण जिले के मोतिहारी में नेशनल हाइवे 727 के सुदृढ़ीकरण व संरचना उन्नयन की दो योजना के लिए 07.86 करोड़ और 14.45 करोड़, समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय-शाहपुर रोड के चैड़ीकरण व मजबूतीकरण के साथ-साथ उच्चस्तरीय आरसीसी पुल के लिए 33.43 करोड़ और इसी जिले के गढ़पुरा से सखबा रोड में आरसीसी पुल सहित सड़क जीर्णोद्धार के लिए 33.18 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गयी है। उन्होंने स्वीकृत योजनाओं को निर्धारित नौ से 18 माह के भीतर पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा करने का संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया है।