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37 लाख फर्जी DBT लाभार्थी पकड़े गए, हरियाणा सरकार ने किया सख्त कदम

चंडीगढ़
हरियाणा सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से नागरिकों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब तक राज्य में डीबीटी योजनाओं के अंतर्गत 1.06 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि लाभार्थियों को सीधे हस्तांतरित की गई है।

वित्त वर्ष 2024-25 में ही 14.82 करोड़ लेन-देन के जरिए 2.78 करोड़ लाभार्थियों को 17,824.10 करोड़ रुपये उनके खातों में भेजे गए। यह जानकारी मंगलवार को यहां मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में हुई डीबीटी सलाहकार बोर्ड की चौथी बैठक में दी गई।

 बैठक में बताया गया कि डीबीटी प्रणाली लागू होने से न केवल लाखों नागरिकों को योजनाओं का समय पर लाभ मिला है बल्कि फर्जी और डुप्लीकेट लाभार्थियों पर भी रोक लगी है। अब तक 36.75 लाख संभावित फर्जी या डुप्लीकेट लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें प्रणाली से हटाया गया है, जिससे सरकार को बड़ी बचत हुई है। वर्ष 2014-15 से अब तक डीबीटी के माध्यम से 10,187.13 करोड़ रुपये की अनुमानित बचत दर्ज की गई है।

बैठक में सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा अंत्योदय (सेवा) विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी. अनुपमा, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के प्रधान सचिव डी. सुरेश, वित्त विभाग के आयुक्त एवं सचिव मोहम्मद शाइन समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
     
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे लाभार्थियों के डेटा को राज्य डीबीटी पोर्टल पर नियमित रूप से अपडेट करें। उन्होंने कहा कि आधार और परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) का एकीकरण सुनिश्चित किया जाए ताकि सेवा वितरण की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी व प्रभावी बन सके।

156 योजनाएं पोर्टल पर अपलोड
बैठक में जानकारी दी गई कि अब तक 26 विभागों द्वारा कुल 156 डीबीटी योजनाएं राज्य पोर्टल पर अपलोड की गई हैं। इनमें 96 राज्य सरकार की योजनाएं और 60 केंद्र प्रायोजित योजनाएं (सीएसएस) शामिल हैं। इन योजनाओं के जरिए लाखों लोगों तक सीधी वित्तीय सहायता पहुंचाई जा रही है।

 

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