झूठी एफआईआर की धमकी देकर बैंक खातों से निकाले 31 लाख रुपये
टीम एक्शन इंडिया
नई दिल्ली। मध्य जिले की साइबर पुलिस ने लोगों से साइबर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से अपराध के दौरान इस्तेमाल किए गए सात मोबाइल फोन और एक लैपटॉप बरामद किया गया है। मध्य जिले के डीसीपी हर्षवर्धन ने बताया कि 18 जुलाई को साइबर थाने में एक आॅनलाइन शिकायत देते हुए शिकायतकर्ता ने बताया था कि 13 जुलाई को उसे एक व्हाट्सएप कॉल में आई जिसमें कॉल करने वाले ने बताया कि उसके नाम से जारी मोबाइल सिम का प्रयोग कई अपराधों में किया गया है और आराम बाग की पुलिस उसकी तलाश कर रही है। मानव तस्करी के केस में फंसाने की धमकी : उसने बताया कि उसके नाम से जारी मोबाइल सिम के विरुद्ध मनी लॉन्ड्रिंग एवं मानव तस्करी के अपराध में 17 एफआईआर पंजीकृत पाई गई हैं। इस प्रकार उसने उसे धमकाकर विभिन्न बैंक खातों में कुल 31 लाख 55 हजार रुपये निकाल लिए। मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की गई।
बैंक खाते की मिली जानकारी: जांच में पुलिस ने ठगी की गई धनराशि स्थानांतरित करने वाले अकाउंट का विवरण प्राप्त किया गया, जिससे पता चला कि विभिन्न शहरों में अलग-अलग नामों से चालू बैंक खाते खोले गए थे। इन बैंक खातों में कम समय में ही करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ और जमा की गई धनराशि को तुरंत ही विभिन्न अन्य बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया।
बैंक खाते में जमा हुए थे 1.25 करोड़ रुपये: विस्तृत जांच के दौरान, नोएडा में शेल कंपनी पी2 फिटनेस के नाम से एक चालू आईसीआईसीआई बैंक खाता खुला पाया गया। मालिक का नाम देव भाटी बताया गया। टीम ने देव भाटी को छापेमारी के बाद 26 जुलाई को यूपी के बुलढाणा से गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया किया कि उसने अपने दूर के रिश्तेदार राबिन सोलंकी के कहने पर उक्त बैंक खाता खुलवाया था। 28 जुलाई को राबिन सोलंकी और विष्णु सोलंकी को भी दिल्ली के अशोक नगर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि वे दीपक शर्मा नामक व्यक्ति ने उन्हें ठगी की गई रकम जमा कराने के लिए अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग नामों से बैंक खाते खोलने के लिए प्रेरित किया और कहा कि उन्हें मोटा कमीशन दिया जाएगा।
पूछताछ के दौरान यह पता चला कि दो दिनों के भीतर देव भाटी के बैंक खाते में 1.25 करोड़ रुपये जमा हो गए थे। गिरफ्तार किए गए आरोपितों की निशानदेही पर 31 जुलाई को चौथे आरोपित आकाश कुमार जैन को दिल्ली के महिपालपुर से गिरफ्तार किया गया, जो सभी खातों का मुख्य संचालक है। टेलीग्राम ऐप के जरिए विदेशी नागरिकों से था संपर्क : पूछताछ में उसने बताया कि टेलीग्राम ऐप के जरिए वह कुछ विदेशी नागरिकों के संपर्क में आया था। आरोपितों की निशानदेही पर अपराध के दौरान इस्तेमाल किए गए सात मोबाइल फोन और एक लैपटॉप बरामद किया गया है। 150 से अधिक बैंक खातों का पता चला है, जिनका इस्तेमाल आरोपितों ने ठगी के पैसे जमा करने के लिए किया था।