हिमाचल प्रदेश

कुल्लू जिले में 85 फीसदी पेयजल योजनाएं हुई बहाल

टीम एक्शन इंडिया/मंडी।
जल प्रलय में जलशक्ति महकमे के सामने आई भीषण चुनौती के बीच डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के प्रयासों से महकमा बाढ़ प्रभावित जिलों में रिकॉर्ड समय में शत-प्रतिशत पेयजल आपूर्ति बहाल करने में कामयाब रहा है। मंडी और लाहौल-स्पीति जिलों में सभी क्षतिग्रस्त योजनाएं सुचारु कर दी गई हैं, वहीं सबसे अधिक प्रभावित कुल्लू जिले में भी 85 फीसदी पेयजल योजनाएं बहाल कर ली गई हैं। बता दें, उपमुख्यमंत्री के साथ जल शक्ति विभाग की जिम्मेदारी देख रहे मुकेश अग्निहोत्री ने बाढ़ प्रभावित जिलों में जलापूर्ति बहाली के अभियान को फ्रंट से लीड किया। वे खुद ग्राउंड जीरो पर डटे रहे और पानी की व्यवस्था को पटरी पर लाने को प्रयासरत रहे। उन्होंने मंडी और कुल्लू जिले में खुद चार दिन कैंप किया और लोगों को पीने के पानी की व्यवस्था तय बनाने के अभियान को दिशा और गति देते रहे। जल शक्ति विभाग मंडी जोन के मुख्य अभियंता उपेंद्र वैद्य ने बताया कि मंडी जिले में बारिश और बाढ़ से ऊहल पेयजल योजना समेत प्रभावित पानी की छोटी बड़ी सभी 790 परियोजनाएं बहाल कर ली गई हैं। वहीं लाहौल-स्पीति जिले में बारिश से पेयजल की 60 परियोजनाएं प्रभावित हुई थीं, उन सभी को बहाल कर लिया गया है।

कुल्लू जिले में बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान हुआ था और जल शक्ति विभाग की 638 परियोजनाएं बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थीं। इनमें से 532 को बहाल कर पेयजल व्यवस्था को सुचारू किया गया है। शेष योजनाओं को भी जल्द से जल्द बहाल करने को युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। उपेंद्र वैद्य ने कहा कि उप मुख्यमंत्री के प्रयासों से योजनाओं की बहाली के लिए आवश्यक धनराशि, मशीनरी की खरीद और अन्य प्रबंध करने में आसानी हुई और कम समय में अधिक काम संभव हुआ। फील्ड में उनके खुद डटने से सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी हौंसला और बल मिला जिससे सभी बिना थके दिन रात काम कर सके। जल शक्ति विभाग मंडी के अधीक्षण अभियंता रोहित दुबे ने बताया कि मंडी जिले में सभी पेयजल योजनाएं बहाल कर ली गई हैं। ऊहल पेयजल योजना के चालू होने से मंडी शहर में भी पानी की आपूर्ति पूरी तरह ठीक हो गई है। जल शक्ति विभाग कुल्लू के अधीक्षण अभियंता विनोद ठाकुर ने बताया कि लाहौल-स्पीति जिले में पेयजल योजनाओं की शतप्रतिशत बहाली के अलावा कुल्लू जिले में 15 फीसदी काम बाकी है, उसे लेकर दिनरात प्रयास जारी हैं।

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