अंबाला में 9 माह की गर्भवती को किया रेस्क्यू, कभी भी हो सकती थी डिलीवरी
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फरिश्ते बन पहुंचे आर्मी-पुलिस जवान; अस्पताल में भर्ती कराया
अंबाला: हरियाणा के अंबाला में आर्मी, पुलिस और NDRF-HDRF के जवान फरिश्ते बनकर डटे हुए हैं। दिन-रात रेस्क्यू करके बाढ़ के पानी में घरों में फंसे लोगों को बाहर निकाल रहे हैं। अपनी जान जोखिम में रख जवान सैकड़ों लोगों की जान बचा चुके हैं। अंबाला के नग्गल एरिया में फंसी 9 माह की गर्भवती महिला को आर्मी और पुलिस की टीम ने रेस्क्यू किया है।
जानकारी के मुताबिक, गांव आलाऊदीन माजरा में 9 माह की गर्भवती प्रवीन कुमारी अपने घर में फंसी हुई थी। डॉक्टरों ने 10 जुलाई तक डिलीवरी होने की संभावना जताई थी। महिला प्रसव पीड़ा के दर्द से कराह रही थी, क्योंकि नौंवे महीने का एक सप्ताह बीत जाने के बाद कभी भी डिलीवरी हो सकती थी। इसकी सूचना नग्गल पुलिस को दी गई, जिसके बाद तत्परता दिखाते हुए तुरंत आर्मी और पुलिस की टीम बोट से महिला को रेस्क्यू करने पहुंची।
गांव की गलियों में खड़ा था 6-6 फीट पानी
महिला के पति सुभाष भी इस्माईलाबाद पुलिस थाने में असिस्टेंट की पोस्ट पर कार्यरत है। पति ने ही पत्नी को लेबर पेन होने की सूचना पुलिस को दी थी। जब रेस्क्यू करने के लिए टीम गांव पहुंची तो वहां 6-6 फीट पानी भरा हुआ था। गलियों में बोट से रेस्क्यू करना काफी मुश्किल था,लेकिन आर्मी और पुलिस के जवानों ने हार न मानते हुए गर्भवती को बाढ़ से बाहर निकाला और अस्पताल में भर्ती कराया।
हमें अपनी नहीं गर्भवती की चिंता थी: सुनीता
नग्गल थाना प्रभारी सुनीता ढाका ने बताया कि हमें अपनी नहीं गर्भवती की जान की पड़ी थी। हम कोई रिस्क नहीं उठा सकते थे। गांव में 6 से 7 फीट पानी था, लेकिन आर्मी के जवानों के सहयोग से उनकी टीम महिला के घर तक पहुंची और पूरे परिवार को रेस्क्यू किया। गर्भवती को अस्पताल में भर्ती कराया।