90 प्रतिशत सांप करते हैं ड्राई बाइट
राजन पुरी
ऊना: जिला ऊना में जहरीले सांपों द्वारा लोगों को अधिकांश ड्राई बाइट के रूप में काटा जाता है। इसमें सांप इंसान को काटेगा, लेकिन जहर नहीं छोड़ेगा। कम से कम 10 फीसदी मामलों में सांप व्यक्ति को काटते वक्त उसके शरीर में जहर छोड़ता है। जबकि 90 प्रतिशत सांप ड्राई बाइट करते हैं।
यह जानकारी जिला वन अधिकारी सुशील राणा ने दी। जिला में सांपों की मौजूदगी को लेकर शनिवार को वन विभाग की तरफ से पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। जिला वन अधिकारी सुशील राणा ने जिला की धरती पर मौजूद तीन सबसे जहरीले सांपों का विवरण देने के साथ-साथ उनके द्वारा लोगों को काटे जाने की विविधताओं पर भी प्रकाश डाला। डीएफओ सुशील राणा ने कहा कि जिला में किंग कोबरा के साथ-साथ रसल वाइपर और क्रेट जैसे जहरीले सांप आसानी से पाए जाते हैं।
जिला भर में सांप के काटने की जो घटनाएं सामने आती है, उनमें 80 से 90 फीसदी ड्राई बाइट रहता है। ड्राई बाइट में सांप इंसान को काटता अवश्य है, लेकिन वह अपना जहर उसके शरीर में इंजेक्ट नहीं करता। करीब 10 फीसदी मामले डेड बाइट के रहते हैं। सुशील राणा ने सांपों के आबादियों तक पहुंचने के मुख्य कारणों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह इलाका अधिकतर सूखा रहता है, जिसके चलते इस क्षेत्र में ऐसे जीव जंतुओं का स्थाई निवास रहता है। उन्होंने कहा इन सांपों का मुख्यत: भोजन स्रोत चूहा और मेंढक है।
बरसात के दिनों में चूहा और मेंढक जैसे जीव जंतु बिल में पानी भरने के चलते बाहर निकल आते हैं। सांपों से बचने के लिए वह भी रिहायशी इलाकों में शरण खोजते हैं और सांप उन्हीं के पीछे उन्हें दबोचने के लिए घूमते रहते हैं। उन्होंने कहा कि सांप यदि किसी घर में भी घुस जाए तो वह वहां पर भी कोई कोना देखकर छिपा रहता है। लेकिन उससे भी बड़ी बात यह है कि सांप कभी भी एक जगह पर टिककर नहीं रहता वह कुछ देर एक जगह पर रहने के बाद आगे निकल जाता है। उन्होंने जिला वासियों से बरसात के दिनों में सचेत रहने का भी आह्वान किया, ताकि सांप के काटने जैसी घटनाओं से लोग खुद को और परिवार को बचा सके।