दिल्ली

श्री कृष्ण व्यक्तित्व व कृतित्व पर विशाल गोष्ठी का हुआ आयोजन

टीम एक्शन इंडिया
नई दिल्ली: आर्य समाज सफदरजंग एन्कलेव व आर्य समाज अशोक विहार दिल्ली में ‘श्री कृष्ण के व्यक्तित्व व कृतित्व’ पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि श्री कृष्ण महान योगीराज थे, उन्होंने जीवन पर्यंत कोई बुरा कार्य नहीं किया। उन्होंने विवाह के बाद भी 12 वर्ष ब्रह्मचार्य का पालन किया और प्रद्युम्न जैसी संतान हुई।

उनकी एक मात्र पत्नि रुक्मणी थी जिससे विवाह हुआ, राधा तो उनकी मामी थी। ऐसे योगी के साथ गोपियों से प्रसंग जोड़ना निंदनीय व उनका अपमान करना है। वह राजा थे उनके साथ माखनचोर आदि लिखना उनके साथ घोर अन्याय है, मुगल काल में ऐसी कपोल कल्पित कहानियां जोड़ कर हमारे महापुरुषों को बदनाम करने का काम किया गया है जिसे आज सुधारने की आवश्यकता है।

उन्होंने आर्य जनों को आह्वान किया कि श्री कृष्ण जी के ओजस्वी-तेजस्वी स्वरूप को लोगों के बीच लाए और अपने महान पुरुषों का अनादर करना बन्द करें। वैदिक विद्वान आचार्य अखिलेशवर भारद्वाज, आचार्य भूदेव शास्त्री, डॉ. महेश विद्यालंकार, रामबाबू गुप्ता ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

वसुधा शास्त्री के मधुर भजन हुए। प्रमुख रूप से राकेश खुल्लर (अध्यक्ष, डी एल एफ स्कूल साहिबाबाद), प्रेम सचदेवा, सतीश शास्त्री, स्वदेश शर्मा, आशा भटनागर, योगेश वर्मा पार्षद, जीवन लाल आर्य
आदि उपस्थित थे क

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