दिल्ली

राज्य स्तरीय विज्ञान प्रश्नोत्तरी का भव्य समापन

टीम एक्शन इंडिया
मनीष कुमार
अम्बाला: मुरलीधर डीएवी पब्लिक स्कूल, अम्बाला शहर के प्रांगण में आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का समापन अत्यंत भव्य और प्रेरणादायी रहा। इस प्रतियोगिता में पहले दिन हरियाणा बोर्ड के सभी राजकीय और निजी विद्यालयों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिसमें छात्रों ने विज्ञान के विविध पहलुओं पर अपने ज्ञान की उत्कृष्टता प्रदर्शित की। इस महत्त्वपूर्ण अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री सुरेश कुमार जी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। मुरलीधर डीएवी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य, डॉ. राधा रमन सूरी, जिला विज्ञान विशेषज्ञ, पूजा भारद्वाज, और जिला गणित विशेषज्ञ, सुशील अरोड़ा ने भी अपनी सक्रिय सहभागिता से इस आयोजन को सफल बनाया।

प्रतियोगिता के दूसरे दिन, दिनांक 3 सितंबर को सीबीएसई के राजकीय और निजी विद्यालयों की 16 टीमों ने विज्ञान प्रश्नोत्तरी में भाग लिया। प्रारंभिक स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद 8 टीमों को मंच प्रश्नोत्तरी के लिए चुना गया।
प्रश्नोत्तरी का संचालन कर रहे सुमित ने बताया कि आठ टीमों में से पाँच टीमों को डिविजनल स्तर के लिए चयनित किया गया है। विजेता टीमों में लॉर्ड महावीर जैन पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी संस्कृत स्कूल मोहड़ी और भानु खेड़ी, डीएवी पब्लिक स्कूल रिवरसाइड अंबाला कैंट, आर्मी पब्लिक स्कूल अंबाला कैंट, और गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल रामपुर सरसेहड़ी शामिल रहे।

इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी, सुरेश कुमार , और बीईओ अंबाला, सतबीर ने प्रतियोगिता का निरीक्षण किया और विज्ञान विशेषज्ञ, पूजा भारद्वाज के अथक प्रयासों की सराहना की, जिनके नेतृत्व में प्रश्नोत्तरी का आयोजन सुचारू रूप से सम्पन्न हुआ। माननीय निर्णायक गणों ने अत्यंत ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया, जिससे प्रतियोगिता को सफलता मिली।

समापन समारोह में प्रधानाचार्य, डॉ. राधा रमन सूरी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया और जिला शिक्षा अधिकारी, श्री सुरेश कुमार जी ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भेंट कर उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने सभी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए आगामी स्तर पर और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार, विज्ञान प्रश्नोत्तरी ने छात्रों को न केवल ज्ञान के आदान-प्रदान का अवसर दिया, बल्कि उनके अंदर नवोन्मेषी सोच को भी प्रोत्साहित किया।

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