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सीरिया के मुसलमान हिजबुल्लाह की बर्बादी का क्यों मना रहे जश्न ?

दमिश्क.
उत्तर पश्चिमी सीरिया के क्षेत्रों में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत की खबर के बाद लोगों ने सड़कों पर उतर कर जश्न मनाया। इजरायली हवाई हमले में उसकी मौत के बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए, जिनमें लोगों को मिठाइयां बांटते, नाचते और एक बड़ी राहत महसूस करते हुए देखा जा सकता है। खासकर असद विरोधी गुटों में नसरल्लाह की मौत की खबर ने खुशी की लहर फैला दी है। लेकिन सवाल उठता है कि हिजबुल्लाह ने सीरिया में ऐसा क्या किया कि लोग उसकी बर्बादी पर इस तरह जश्न मना रहे हैं?

हिजबुल्लाह का सीरियाई गृहयुद्ध में प्रवेश
हिजबुल्लाह लेबनान स्थित एक शिया मुस्लिम मिलिशिया समूह है। उसे ईरान का फुल सुपोर्ट है और उसी के दम पर अपनी गतिविधियों को अंजाम देता है। इसका गठन 1980 के दशक में इजरायल के खिलाफ हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे इसने अपना प्रभाव लेबनान से बाहर, विशेष रूप से सीरिया में बढ़ाया। सीरियाई गृहयुद्ध 2011 में शुरू हुआ, जब असद सरकार के खिलाफ सीरियाई जनता ने लोकतंत्र और स्वतंत्रता की मांग की। इस संघर्ष ने धीरे-धीरे हिंसक रूप ले लिया और कई दूसरी ताकतें भी इसमें शामिल हो गईं। इसमें हिजबुल्लाह की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही।

2012 में, हिजबुल्लाह ने बशर अल-असद की सरकार का समर्थन करने के लिए सीरिया में अपनी सेना भेजी। असद शासन अलावी समुदाय से ताल्लुक रखता है जोकि शिया इस्लाम की एक शाखा है। हिजबुल्लाह के साथ असद की सामरिक साझेदारी थी। इसलिए, हिजबुल्लाह ने सुन्नी बहुल विद्रोहियों के खिलाफ असद की सेना के साथ मिलकर लड़ाई की। सीरिया में अपने महत्वपूर्ण पैर खोने के डर से, ईरान और हिजबुल्लाह ने रूस के साथ मिलकर असद की सेना को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की, जिसके कारण अंततः विद्रोहियों की हार हुई। सीरियाई संघर्ष के दौरान कई अत्याचारों के लिए हिजबुल्लाह को दोषी ठहराया जाता है। इस संघर्ष के दौरान, हिजबुल्लाह पर व्यापक मानवाधिकार हनन के आरोप लगे हैं, जिसमें सुन्नी मुसलमानों की महिलाओं का रेप, जिंदा दफनाने, आम नागरिकों के खिलाफ अत्याचार, गांवों पर हमले और सामूहिक हत्याएं शामिल हैं।

सीरियाई मुसलमानों पर हिजबुल्लाह का अत्याचार
हिजबुल्लाह की सीरिया में सक्रियता के बाद सुन्नी मुसलमानों पर बड़े पैमाने पर हिंसा और अत्याचार की घटनाएं सामने आईं। सीरिया के अधिकांश सुन्नी समुदाय ने असद विरोधी विद्रोह का समर्थन किया, जबकि हिजबुल्लाह ने असद सरकार की सुरक्षा में हिंसक दमन किया। हिजबुल्लाह की सेना ने विद्रोही गुटों को कुचलने के लिए सीरियाई सेना के साथ मिलकर कई हमले किए, जिनमें हजारों निर्दोष नागरिकों की जान गई।

सीरियाई विद्रोही गुट और आम लोग हिजबुल्लाह को "कब्जा करने वाला" मानते हैं, जो उनके घरों, मस्जिदों और धार्मिक स्थलों को नष्ट करने में शामिल रहा। इसकी गतिविधियों ने सीरिया के शिया-सुन्नी संघर्ष को और भी गहरा कर दिया। हिजबुल्लाह पर खासकर हुम्स और अलेप्पो जैसे प्रमुख क्षेत्रों में हत्याएं और सामूहिक नरसंहार का आरोप है, जहां विद्रोही गुटों का समर्थन करने वाले सुन्नी समुदाय को निशाना बनाया गया।

हिजबुल्लाह के कारण सुन्नी समुदाय में आक्रोश
सीरिया में हिजबुल्लाह की कार्रवाइयों ने सुन्नी मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एक गहरी नफरत और विरोध पैदा किया। हिजबुल्लाह की मौजूदगी ने देश के पहले से ही संवेदनशील धार्मिक समीकरणों को बिगाड़ा और संघर्ष को और भी लंबा खींच दिया। सीरियाई मुसलमानों को यह लगता है कि हिजबुल्लाह सिर्फ एक राजनीतिक संगठन नहीं है, बल्कि यह ईरान के शिया प्रभाव को बढ़ाने और सुन्नी समुदाय को दबाने का जरिया है।

नसरल्लाह की मौत पर खुशी
हसन नसरल्लाह की मौत के बाद सीरिया के कई हिस्सों में मनाया गया जश्न इस बात का प्रतीक है कि किस तरह से हिजबुल्लाह की कार्रवाइयों ने सीरिया के सुन्नी बहुल इलाकों में गहरी पीड़ा और दर्द छोड़ा है। नसरल्लाह को सीरियाई गृहयुद्ध में ईरानी प्रभाव का चेहरा माना जाता था और उसकी मौत को उन सभी लोगों के लिए एक राहत के रूप में देखा जा रहा है जिन्होंने इस संघर्ष में अपने प्रियजनों को खो दिया।

सीरियाई पत्रकार हादी अल-अब्दल्लाह ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें बताया गया कि क्यों कुछ सीरियाई हिजबुल्लाह का विरोध करते हैं, इसके सदस्यों को आतंकवादी मानते हैं और समूह के खिलाफ हर इजरायली हमले का जश्न मनाते हैं। गुरुवार को शेयर किए गए एक वीडियो में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हिजबुल्लाह पर कौन हमला करता है। उन्होंने लिखा, “भले ही शैतान खुद आकर हिजबुल्लाह के गुंडों को मार डाले, हम उतने ही खुश होंगे।”

सात मिनट की क्लिप में अब्दुल्ला सीरिया में हिजबुल्लाह के अभियानों के फुटेज दिखाते हैं, जिसमें समूह की क्रूरता का वर्णन किया गया है। एक वीडियो पेश करते हुए उन्होंने कहा: "इस फुटेज में हिजबुल्लाह के लड़ाके सीरिया के कलामौन क्षेत्र के जबादानी शहर पर हमला करते हुए दिखाई दे रहे हैं। अंधी नफरत भरी है। उन्होंने नागरिकों के घरों और उनमें रहने वाले सभी लोगों पर हमला किया-महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग सबको मारा। उनके लिए बस यही मायने रखता था कि वे हत्या कर रहे थे।" सऊदी अरब के अल अरबिया नेटवर्क ने भी पिछले हफ्ते लेबनान में हिजबुल्लाह के संचार उपकरणों को निशाना बनाकर किए गए विस्फोटों के बाद सीरिया में जश्न मनाने वाली प्रतिक्रियाओं को उजागर करते हुए एक वीडियो प्रकाशित किया। एक वीडियो में, व्यक्ति को मिठाई बांटते हुए दिखाया गया है।

हिजबुल्लाह का सीरियाई गृहयुद्ध में हस्तक्षेप न केवल सीरिया के सुन्नी समुदाय के लिए विनाशकारी साबित हुआ, बल्कि इसने पूरे क्षेत्र में धार्मिक ध्रुवीकरण और संघर्ष को बढ़ावा दिया। नसरल्लाह की मौत की खबर पर जिस प्रकार सीरियाई जनता ने जश्न मनाया, वह इस बात का सबूत है कि हिजबुल्लाह की क्रूरता और अत्याचारों ने वहां के लोगों को कितना प्रभावित किया है। इस घटना से यह भी पता चलता है कि सीरिया के भीतर शांति और स्थिरता की बहाली कितनी कठिन होगी, जब तक कि इस तरह के बाहरी हस्तक्षेप समाप्त नहीं होते।

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