अन्य राज्यबिहार

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के बाहुबली पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद मर्डर केस में सूरजभान सिंह बरी, मुन्ना शुक्ला फिर जेल जाएंगे

पटना
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के बाहुबली पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद मर्डर केस में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह समेत छह आरोपियों को बरी करने के फैसले को सही ठहराया है लेकिन पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला समेत दो आरोपियों को दोषी ठहराया है। कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला को सरेंडर करके जेल जाने के लिए 15 दिन का समय दिया है। इस समय राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मुन्ना शुक्ला अभी वैशाली लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे। 26 साल पहले 13 जून 1998 को पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में भर्ती बृज बिहारी प्रसाद को गोलियों से भून डाला गया था। ट्रायल कोर्ट ने 2009 में सूरजभान सिंह, मुन्ना शुक्ला और राजन तिवारी समेत अन्य आरोपियों को दोषी ठहराया था।

पटना हाईकोर्ट ने सबूतों का अभाव बताकर 2014 में सूरजभान सिंह, मुन्ना शुक्ला, राजन तिवारी समेत 9 आरोपियों को बरी कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बृज बिहारी की पत्नी और पूर्व सांसद रमा देवी और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने 22 अगस्त को सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

बृज बिहारी की कमांडो सुरक्षा में हत्या से हिल गया था अंडरवर्ल्ड
एडमिशन घोटाले में जेल में बंद बृज बिहारी प्रसाद इलाज का इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में जबर्दस्त सुरक्षा घेरे में इलाज चल रहा था। सरकारी कमांडो और प्राइवेट आर्मी के कवर को तोड़ने वाले हमलावरों ने बृज बिहारी की सुरक्षा में तैनात तीन कमांडो और एक बॉडीकार्ड को मार डाला था। उत्तर प्रदेश का चर्चित शूटर श्रीप्रकाश शुक्ला हत्या में शामिल था जिसे उस समय सूरजभान सिंह का शूटर माना जाता था। बृज बिहारी की हत्या के अगले दिन पूर्णिया में सीपीएम के विधायक अजित सरकार की भी हत्या हो गई थी। उस हत्या में भी राजन तिवारी का नाम आया था। राजन के साथ सांसद पप्पू यादव भी आरोपी बनाए गए थे। हाईकोर्ट ने पप्पू और राजन को 2013 में बरी कर दिया जिसके खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

छोटन शुक्ला की हत्या के बदले बृज बिहारी प्रसाद का मर्डर
बृज बिहारी प्रसाद मोतिहारी से निकलकर बिहार की राजनीति में छा गए एक बहुत दबंग बनिया नेता थे और तब सवर्ण और पिछड़ों के झगड़े में बैकवर्ड नेता माने जाते थे। मोतिहारी से कई जिलों तक उनका सिक्का चलता था। बृज बिहारी का मुजफ्फरपुर के डॉन छोटन शुक्ला से झगड़ा था जो मुन्ना शुक्ला के भाई थे। वर्चस्व की लड़ाई में छोटन शुक्ला की 4 दिसंबर 1994 को चुनाव प्रचार से लौटने के दौरान हत्या हो गई। इस हत्या से बृज बिहारी प्रसाद को जोड़ा गया। छोटन शुक्ला 1995 के बिहार विधानसभा चुनाव में सनसनी बनकर आई आनंद मोहन की बिहार पीपुल्स पार्टी के नेता थे। अगले दिन छोटन शुक्ला की शवयात्रा के दौरान भीड़ ने गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया को मुजफ्फरपुर में मार दिया। आनंद मोहन और मुन्ना शुक्ला इस केस में दोषी ठहराए गए। बाद में मुन्ना बरी हो गए लेकिन आनंद मोहन ने सजा काटी और सरकार से सजा माफी के बाद जेल से निकले हैं।

देवेंद्र दुबे की हत्या ने आग में घी का काम किया, चार महीने में मारे गए बृज बिहारी
उधर, मोतिहारी में डॉन देवेंद्र दुबे और विनोद सिंह के बीच भी वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। दुबे सूरजभान सिंह के साथ था जबकि विनोद सिंह ने बृज बिहारी से हाथ मिला लिया। 1995 का चुनाव देवेंद्र दुबे जेल में रहकर जीतकर विधायक बना था। नीतीश कुमार की तब की समता पार्टी ने दुबे को टिकट दिया था लेकिन बाद में क्रिमिनल को लड़ाने पर विवाद के समर्थन वापस ले लिया था। नाम वापसी वगैरह का समय बीत चुका था इसलिए नीतीश के सिंबल पर ही दुबे लड़े लेकिन बिना नीतीश के समर्थन के जीते।

बृज बिहारी तब तक आदापुर से दो बार चुनाव जीत चुके थे और लालू के बहुत करीबी बन चुके थे। राबड़ी देवी सरकार में मंत्री बृज बिहारी प्रसाद के प्रभाव का फायदा उठाने के लिए लालू ने 1998 के लोकसभा चुनाव में उनकी पत्नी रमा देवी को राजद से लड़ाया। बृज बिहारी का प्रभाव और बढ़ जाने के डर से विनोद सिंह ने देवेंद्र दुबे को उकसाया और दुबे समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ गया। बीजेपी ने राधा मोहन सिंह को उतारा। चुनाव तो रमा देवी जीत गईं लेकिन वोटिंग के ही दिन 22 फरवरी को देवेंद्र दुबे की हत्या हो गई। इस हत्या में भी बृज बिहारी प्रसाद का हाथ माना गया। छोटन शुक्ला की हत्या से मुन्ना शुक्ला, आनंद मोहन, सूरजभान सिंह वगैरह को जो जख्म मिला था वो देवेंद्र दुबे की हत्या से और गहरी हो गई। देवेंद्र दुबे की हत्या के बाद विरोधी गैंग के सरगनाओं ने बृज बिहारी प्रसाद को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। चार महीने बाद 13 जून को बृज बिहारी की दुस्साहसिक हत्या उसकी परिणति थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
slot gacor toto 4d slot toto slot gacor thailand slot777 slot tergacor https://mataerdigital.com/ istanapetir slot gacor cupangjp situs maxwin ayamjp gampang menang slot online slot gacor 777 tikusjp situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot
lemonadestand.online monitordepok.com portal.pramukamaros.or.id elibrary.poltektranssdp-palembang.ac.id cutihos.wikaikon.co.id pmb.umpar.ac.id industri.cvbagus.co.id ppdb.smpn1mantup.sch.id taqwastory.sma1bukitkemuning.sch.id media.iainmadura.ac.id omedia.universitasbumigora.ac.id pik.omedia.universitasbumigora.ac.id https://threadsofhopetextiles.org/bekleng/indexing/