बड़ामलहरा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बमनौरा कलां में गरबा महोत्सव का भव्य आयोजन
बमनौरा
बड़ामलहरा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बमनौरा कलां के मैन बाजार में इस वर्ष नवरात्रि महोत्सव के अवसर पर गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया। यह आयोजन अत्यंत भव्य और शानदार रूप में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और नागरिकों ने भाग लिया।
नवरात्रि, देवी दुर्गा की आराधना का प्रमुख पर्व है, जिसे पूरे देश में भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इसी उपलक्ष्य में ग्राम पंचायत बमनौरा कलां में भी इस गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण समुदाय में भक्ति और संस्कृति को बढ़ावा देना था। गरबा के माध्यम से माता रानी की आराधना की गई और लोगों ने अपनी आस्था को प्रकट किया।
गरबा महोत्सव के दौरान मैन बाजार के प्रमुख स्थल को रंग-बिरंगी रोशनी और सजावट से सुसज्जित किया गया था, जो इस धार्मिक उत्सव को और अधिक आकर्षक बना रहा था। कार्यक्रम में स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ आस-पास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। विभिन्न आयु वर्ग के लोग पारंपरिक परिधानों में सजकर गरबा में भाग ले रहे थे, जिससे पूरे कार्यक्रम में उत्साह और उमंग का माहौल बना रहा।
बड़ी संख्या में रही श्रद्धालुओं की सहभागिता
गरबा महोत्सव में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई, जिसमें महिलाओं, पुरुषों और बच्चों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। सभी ने मिलकर देवी दुर्गा की आराधना की और गरबा नृत्य के माध्यम से अपनी भक्ति प्रकट की। श्रद्धालु माता के भजन और गरबा गीतों पर झूमते हुए देखे गए, जिससे पूरे वातावरण में धार्मिक ऊर्जा का संचार हो गया। आयोजन समिति ने इस गरबा महोत्सव को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए कड़ी मेहनत की थी। सुरक्षा और व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। स्थानीय प्रशासन और पंचायत के सहयोग से यह आयोजन पूर्णत: सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से सम्पन्न हुआ।
गरबा महोत्सव का समापन माता की आरती और प्रसाद वितरण के साथ हुआ।
आयोजन समिति और ग्राम पंचायत ने इस महोत्सव की सफलता के लिए सभी श्रद्धालुओं और नागरिकों का आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के प्रति समर्थन की अपील की। इस प्रकार, नवरात्रि के इस पावन अवसर पर बमनौरा कलां के मैन बाजार में आयोजित गरबा महोत्सव ने न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट किया, बल्कि समाज के बीच आपसी सौहार्द और संस्कृति को भी बढ़ावा दिया।