राष्ट्रीय

प्रयागराज महाकुंभ के गूगल पर होटल सर्च करने पर साइबर ठगों से हो रहा सम्पर्क, खाते हो रहे खाली

भोपाल।

प्रयागराज में रविवार से शुरू हो रहे महाकुंभ में शामिल होने देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इस अवसर को साइबर ठग भी भुनाने में जुट गए हैं। दूसरे शहरों से आ रहे लोगों को साइबर ठग होटल बुकिंग के दौरान निशाना बना रहे हैं।

भोपाल से भी बढ़े श्रद्धालु महाकुंभ जा रहे हैं। इस दौरान कई बार गूगल पर होटल सर्च करने के दौरान उनका संपर्क साइबर ठगों से हो रहा है और उनके खाते खाली हो रहे हैं। साइबर क्राइम सेल में एक सप्ताह में कई शिकायतें पहुंची हैं। हालांकि पांच लाख रुपए तक की साइबर ठगी कि शिकायतें थानों में ही दर्ज की जा रही हैं, जिसके चलते फरियादियों को संबंधित थाने भेज दिया गया।

पैसे जमा करने के बाद पता चला कोई होटल हीं नहीं –

केस-1:

भोपाल के इंद्रपुरी निवासी सुमित मालवीय ने 4 जनवरी को प्रयागराज के होटल में बुकिंग के लिए गूगल सर्च किया था। सबसे ऊपर दिख रही वेबसाइट पर क्लिक किया, तो अंदर कई होटलों के नाम और बुकिंग के लिए ऑप्शन मिला। 2 दिन की बुकिंग के लिए उन्होंने एक होटल में दो रूम के लिए 14 हजार रुपये का पेमेंट किया था। काफी देर तक जब बुकिंग का मैसेज नहीं पहुंचा और दिए गए नंबर पर फोन किया तो नंबर बंद था। मालूम हुआ कि वहां ऐसा कोई होटल है ही नहीं।

केस-2:–

वन विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी ने बताया कि उन्होंने होटल बुकिंग के लिए ऑनलाइन सर्च किया था। वहां दिए गए नंबर पर फोन किया, तो पेमेंट के लिए कार्ड की जानकारी मांगी गई। फोन करने वाले को ओटीपी बताने के बाद उनके बैंक खाते से 26 हजार रुपये निकाले जाने का मैसेज आया। बाद में उस व्यक्ति को फोन किया तो ब्लॉक कर दिया। फिर उन्होंने पुलिस से सम्पर्क किया।

अधिकृत वेबसाइटों और एजेंसियों से ही बुकिंग करें-
0- हमेशा सरकारी या विश्वसनीय टूरिज्म वेबसाइट्स से ही होटल बुक करें। फर्जी वेबसाइट्स पर कभी भी अपनी निजी जानकारी न दें।
0- सुनिश्चित करें कि वेबसाइट के यूआरएल में एक ग्रीन लॉक का निशान हो, जो वेबसाइट की सुरक्षा का संकेत है।
0- ऑनलाइन भुगतान करते समय विश्वसनीय और सिक्योर गेटवे का ही इस्तेमाल करें। अनजाने गेटवे से भुगतान न करें।
0- होटल और बुकिंग साइट की रेटिंग और उपयोगकर्ताओं की समीक्षाएं देखें। यह पता चलता है कि यह सही और विश्वसनीय है या नहीं।
0- किसी भी मेल या संदेश में दिए गए संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें, खासकर अगर यह अज्ञात स्रोत से आया हो।

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