टैक्स राहत के एलानों के बाद अब मिडिल क्लास की निगाहें 7 फरवरी पर टिकी, मिल सकती है बड़ी राहत
मुंबई
बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से टैक्स राहत के एलानों के बाद अब मिडिल क्लास की निगाहें 7 फरवरी पर टिकी हैं। शेयर बाजार का भी अगला ट्रिगर काफी हद तक इसी पर निर्भर है। दरअसल, शेयर बाजार और मिडिल क्लास का अगला फोकस भारतीय रिजर्व बैंक की आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी (MPC) की बैठक पर है, जो कि 5-7 को होने जा रही है। बजट के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है पॉलिसी इंटरेस्ट रेट पर फैसला लेगी। बता दें कि आरबीआई की यह बैठक वित्त वर्ष 2024 की आखिरी बैठक होगी। बता दें कि केंद्रीय बजट 2024 में टैक्स में छूट करके देश के एक बड़े वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री करने की घोषणा की है।
अब RBI से राहत की उम्मीद
दिसंबर में मुद्रास्फीति के आंकड़ों को देखते हुए भी ये अनुमान है कि फरवरी पॉलिसी में रेट कटौती का ऐलान संभव है। उम्मीद जताई जा रही है कि आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में कटौती से उधारी लेने की लागत कम होगी, जिससे मिडिल क्लास पर ईएमआई का बोझ कम होगा। कई एनालिस्ट की माने तो आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति के उभरते रुझानों को देखते हुए केंद्रीय बैंक 7 फरवरी को 25 बीपीएस दर में कटौती का फैसला ले सकता है। बता दें कि अगर यह ऐलान होता है तो पिछले चार सालों में पहली कटौती होगी।
आर्थिक सर्वेक्षण 2025 में कहा गया है कि वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद मुद्रास्फीति धीरे-धीरे 4 प्रतिशत के निशान पर आ जाएगी। यह आर्थिक विकास के स्थिर रहने की भी उम्मीद करता है, लेकिन विकास को अपनी गति बनाए रखने में सरकारी एजेंसियों के महत्व को रेखांकित करता है। राहुल बाजोरिया, भारत और आसियान अर्थशास्त्री, बोफास इंडिया, का मानना है कि विकास और मुद्रास्फीति के आंकड़े दोनों मौद्रिक स्थितियों को आसान बनाने की आवश्यकता की ओर इशारा करते हैं। एलारा सिक्योरिटीज की अर्थशास्त्री गरिमा कपूर को उम्मीद है कि एमपीसी फरवरी में नीतिगत रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करेगी। आपको बता दें कि आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा हैं। उन्होंने 9 दिसंबर, 2024 को शक्तिकांत दास की जगह ली थी। ऐसे में संजय मल्होत्रा की यह पहली पॉलिसी मीटिंग है।