‘आप’ सरकार के खिलाफ भाजपा की बैटिंग कर रहे कांग्रेस नेता अजय माकन: सौरभ भारद्वाज
नई दिल्ली: ‘आप’ के वरिष्ठ नेता व कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कांग्रेस नेता अजय माकन पर जमकर निशाना साधा. भारद्वाज ने बताया कि आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ कांग्रेस नेता अजय माकन भाजपा की बैटिंग कर रहे है. आज भाजपा के साथ खड़ी दिख रही कांग्रेस कैसे कुछ साल पहले कहती थी कि दिल्ली एक प्रदेश की तरह है.
अजय माकन ने दिल्ली विधान सभा में कहा था कि जनता द्वारा चुनी हुई सरकार ही गवर्न्मंट है, लेकिन केंद्र ने ये क्या किया, 25 जुलाई को एक पत्र लिख कर के चुनी हुई सरकार के हक छीन लिए? अगर सबकुछ उपराज्यपाल हैं, तो हमारी क्या ज़रूरत है? दिल्ली को स्टेटहुड मिले, इस रेजोलूशन को भाजपा और कांग्रेस, दोनों के विधायकों ने पास किया था. कांग्रेस को बताना चाहता हूं कि अपने नेता राहुल गांधी को गुमराह मत कीजिए. जनता के बीच में जाएं और चर्चा करें, जनता बताएगी कि आर्डिनेंस सही है या गलत.
सौरभ ने कहा कि दिल्ली में पहली बार कांग्रेस की सरकार 1998 में बनीं. 1998 से लेकर 2013 तक शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. 1993 से 1998 तक भारतीय जनता पार्टी के तीन मुख्यमंत्री रहें.1998 से लेकर 2013 तक दिल्ली में कांग्रेस की तीन बार सरकार बनीं. जब पहली बार कांग्रेस की सरकार बनीं, उस दौरान ऐसा मौका आया कि इनकी सरकार दिल्ली में और एनडीए की सरकार केंद्र में थी.
केंद्र में भी भाजपा के एक बहुत मॉडरेट लीडर अटल बिहारी वाजपेई थे. ऐसे में समझा जा सकता है कि इन्हें कम परेशानियां हुई होगी. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली कांग्रेस के कुछ नेता दिल्ली के लोगों को गुमराह कर रहे हैं. खासकर दिल्ली कांग्रेस के दो नेता झूठ फैला रहे हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दी जा रही दलीलें और दिल्ली की जिस संवैधानिक संरचना की बात सुप्रीम कोर्ट या प्रेस में की जा रही है वो झूठ है. कांग्रेस ने कभी कोई ऐसी बात नहीं की.
भारद्वाज ने 2002 का हवाला देते हुए कहा कि 11 सितंबर 2002 का कांग्रेस का वन-डे के स्पेशल सेशन के मिनट्स में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने केंद्र सरकार के खिलाफ एक मोशन मूव किया. इसमें शीला दीक्षित ने एमएचए द्वारा 2 पत्रों का जिक्र किया. उस दौरान एमचएए ने दो पत्र दिल्ली सरकार को लिखें, जिसमें कहा कि गवर्नमेंट ऑफ़ एनसीटी ऑफ़ दिल्ली नाम की कोई चीज हम रिकॉग्नाइज नहीं करते.
उन्होंने दिल्ली में सिर्फ एक ही सरकार हो सकती है या केंद्र सरकार हो सकती है या फिर राज्य सरकार हो सकती है. लिहाजा सिर्फ केंद्र सरकार है और दिल्ली के अंदर कुछ है तो वो एलजी है. यानी कि उन्होंने 2002 में दिल्ली सरकार को एलजी कहकर परिभाषित किया. उसके खिलाफ तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित मोशन लेकर आई. इसमें सभी वही बातें कही गई है, जिसके बारे में हम पिछले कई महीनों से कहते आए हैं.