राजनीतिक

मोहन सरकार ने मंत्री शाह से बनाई दूरी? कैबिनेट मीटिंग में नहीं पहुंचे इंदौर, ग्रुप फोटो से भी ‘OUT’

इंदौर
 मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट मीटिंग इंदौर में हो रही है। माता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर इंदौर के राजवाड़ा में मोहन कैबिनेट की मीटिंग हो रही है। कैबिनेट की मीटिंग से पहले राजवाड़ा में सीएम मोहन यादव ने मंत्रियों के साथ ग्रुप फोटो खींचवाई है। इस ग्रुप फोटो पर सबकी निगाहें टिकी थी कि विवादित मंत्री विजय शाह इसमें दिखेंगे या नहीं। सरकार की तरफ से जारी तस्वीरों में विजय शाह कही नहीं दिख रहे हैं। वह मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री हैं।

कैबिनेट मीटिंग में नहीं पहुंचे विजय शाह

इंदौर के राजवाड़ा में मोहन सरकार की ऐतिहासिक कैबिनेट मीटिंग हो रही है। तमाम मंत्री और सीएम मोहन यादव एक दिन पहले ही इंदौर पहुंच गए हैं। वहीं, मालवा क्षेत्र से आने वाले विजय शाह कैबिनेट की मीटिंग में नहीं पहुंचे हैं। उन पर इसलिए सबकी निगाहें टिकी है कि उन्होंने हाल ही में कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर केस दर्ज हुआ है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है।

सरकार ने बनाई दूरी या खुद नहीं आए

मंत्री विजय शाह के कैबिनेट मीटिंग में नहीं पहुंचने को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। क्या विजय शाह खुद ही कैबिनेट की मीटिंग में नहीं आए या फिर सरकार उनसे खुद ही दूरी बना ली। क्योंकि इंदौर में अगर कैबिनेट की मीटिंग में पहुंचते तो सारा ध्यान उन्हीं की ओर चला जाता था। साथ ही मामला और तूल पकड़ सकता था। ऐसे में अटकले हैं कि विजय शाह को इस मीटिंग से दूर रखकर सुरक्षित रास्ता निकाला गया है।

ग्रुप फोटो में नहीं दिखे

राजवाड़ा में हो रही कैबिनेट मीटिंग को मोहन सरकार ऐतिहासिक बनाने में जुटी है। कैबिनेट मीटिंग से पहले राजवाड़ा के बाहर सीएम मोहन यादव ने अपने सभी मंत्रियों के साथ तस्वीर खींचवाई है। इस तस्वीर में भी विजय शाह नहीं दिखे हैं। इसके बाद ही साफ हो गया कि विजय शाह कैबिनेट की मीटिंग में नहीं आएंगे।

दो जिलों के कर्मचारी परेशान
मंत्री शाह के कार्यालय में फाइलें शासकीय सेवकों के तबादलों से जुड़ी है, जिन पर मंत्री को अनुशंसा करनी है। मोहन सरकार ने इस तरह से फाइलें रोकने का कोई अभी तक लिखित कारण नहीं बताया है।  जहां सरकार ने मंत्री शाह के विवादों में गिरने के बाद कन्नी काटी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हुई सुनवाई में स्पेशल जांच टीम बनाकर जांच कराने के आदेश दिए है।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद असर
सूत्रों के मुताबिक आवेदनों के आधार पर कई नस्तियां जिलों व विभाग में तैयार भी हो गई, लेकिन मंत्री की अनुशंसा से पहले अटक गई। हालांकि मंत्री को फाइलें करने में फिलहाल कोई कानूनी अड़चन नहीं है, लेकिन नैतिकता के तौर पर उनके कामकाज करने को लेकर गलत ठहराया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अब मंत्री की फाइलों को आगे बढ़ाने से पहले सामान्य प्रशासन विभाग से राय लेंगे। दोनों जिलों को मिलाकर 1 हजार आवेदन प्रक्रिया में हैं, जिस पर मंत्री की अनुशंसा लग रही है। तबादले की प्रक्रिया 30 मई तक पूरी होनी है । कोर्ट ने मंत्री की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए,  दर्ज FIR को रद्द करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि शाह को इस मामले में माफी नहीं मिलेगी।

बल्कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निष्पक्ष जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्टे ने निर्देश देते हुए कहा कि, इस टीम में तीन IPS अधिकारी होंगे, इनमें एक IG और बाकी दो SP लेवल के अफसर शामिल होंगे। इनमें से एक अधिकारी अनिवार्य रूप से महिला होगी। कोर्ट ने कहा कि ये सभी अफसर मध्य प्रदेश कैडर के हो सकते हैं, लेकिन मूल रूप से मध्य प्रदेश के निवासी नहीं होने चाहिएं। वहीं कोर्ट ने SIT को 28 मई तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को शाह के बयान पर नोटिस लेते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ इंदौर के महू थाने में FIR दर्ज की गई थी। इसके खिलाफ शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। अब अगली सुनवाई 28 मई को होगी।

अंडरग्राउंड हैं विजय शाह

गौरतलब है कि कर्नल सोफिया कुरैशी का मामला जैसे ही तूल पकड़ा है, उसके बाद से मंत्री विजय शाह अंडरग्राउंड हैं। उनकी कोई गतिविधि सोशल मीडिया पर नहीं दिख रही है। साथ ही मीडिया में भी उनका कोई बयान नहीं आया है। न ही, पार्टी के किसी नेता से सार्वजनिक रूप से उनकी कोई मुलाकात हुई है।

सुप्रीम कोर्ट ने बना दी है एसआईटी

वहीं, विजय शाह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी गठित कर दी है। एसआईटी में तीन आईपीएस अधिकारी हैं। इसका गठन एमपी के डीजीपी ने किया है। एसआईटी अपनी पहली रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को 28 मई को सौंपेगी। इसके बाद कोर्ट आगे का फैसला लेगी। ऐसे में आने वाले दिनों में विजय शाह की मुश्किलें और बढ़ सकती है। अभी पार्टी और सरकार वेट एंड वॉच की स्थिति में है।

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