राष्ट्रीय

एनडीपीएस का दायरा बढ़ाने के लिए प्रतिबंधित मादक पदार्थ रखने की मात्रा घटाकर पांच किग्रा करने की मांग

महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से एनडीपीएस अधिनियम को आधुनिक बनाने और कुछ श्रेणियों में प्रतिबंधित पदार्थ रखने की मात्रा मौजूदा 20 किलोग्राम से घटाकर पांच किलोग्राम करने का अनुरोध किया है, ताकि इन्हें रखने वाला व्यक्ति कानून के तहत पीड़ित होने का दावा न कर सके और कार्रवाई का सामना कर सके। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्षी विधायकों की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिबंधित मादक पदार्थ रखने की मात्रा में कमी लाने से इन्हें रखने वाले शख्स के खिलाफ आपूर्तिकर्ता के रूप में या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नशीले पदार्थों के उपयोग का मुकदमा चलाया जा सकेगा।

गृह विभाग का जिम्मा संभालने वाले फडणवीस ने कहा, “मौजूदा एनडीपीएस (स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ) अधिनियम, 1985 बहुत पुराना है और बदलते समय के अनुसार इसमें संशोधन की जरूरत है। यह अधिनियम उपभोक्ता और आपूर्तिकर्ता के बीच अंतर करता है। अगर किसी शख्स के पास से गांजा जैसे प्रतिबंधित पदार्थ 20 किलोग्राम से कम बरामद किए जाते हैं, तो उसे पीड़ित माना जाता है न कि आपूर्तिकर्ता।” उन्होंने कहा कि 20 किलोग्राम से कम मात्रा में मादक पदार्थ रखने वाला व्यक्ति पीड़ित माना जाने लगता है, तो सजा बहुत सख्त नहीं होती है। फडणवीस ने कहा कि सोशल मीडिया, इमोजी, कोड भाषा, निजी कूरियर सेवाएं आदि का उपयोग वर्तमान में नशीली पदार्थों की तस्करी के साधन के रूप में किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, हमने केंद्र सरकार से एनडीपीएस अधिनियम को आधुनिक बनाने और इसे प्रभावी बनाने और पुलिस को कड़ी कार्रवाई करने में समर्थन देने के लिए भी कहा है। कुछ सिरप या अन्य दवाओं के नशीली पदार्थ के रूप में उपयोग करने पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में फार्मासिस्ट के संघ के साथ एक बैठक हुई थी और उन्हें अपनी दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कहा गया है। फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र से एनडीपीएस मामलों में आरोपपत्र दाखिल करने की अवधि मौजूदा 90 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन करने का भी अनुरोध किया है।

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