हिमाचल प्रदेश

Solan Disaster: कसौली में खौफनाक मंजर, लैंडस्लाइड के मलबे में तब्दील हुए सिहारड़ी गांव के कई घर, आंखों के सामने टूटे आशियाने

सोलन: हिमाचल प्रदेश में इस बार की बारिश ने जमकर कहर दिखाया है. करोड़ों रुपयों का नुकसान इस बार प्रदेश में हुआ है. हजारों लोगों ने अपने आशियाने इस तबाही में खोए हैं. ऐसा ही एक खौफनाक मंजर जिला सोलन के कसौली विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला है. सिहारड़ी गांव पर इस बरसात कुदरत का कहर ऐसा बरसा की कई परिवार बेघर हो गए हैं, कई मकानों का नामोनिशान तक मिट चुका है.

 

सिरहड़ी पर टूटा कुदरती कहर: मिली जानकारी के अनुसार बीते जुलाई-अगस्त महीने में हुई बारिश ने कसौली विधानसभा क्षेत्र के गांव सिहारड़ी में जमकर तबाही मचाई. भारी बारिश के कारण यहां पर मैसिव लैंडस्लाइड देखने को मिला. ये मंजर इतना खौफनाक रहा कि करीब 8-9 मकानों का तो नामोनिशान ही मिट गया. वहीं, कई बीघा जमीन मलबा बनकर रह गई है. आज ये बेघर हो चुके लोग दूसरों के घरों में रहने को मजबूर हैं. प्रशासन द्वारा इन्हें प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित एक लाख 30 हजार रुपये और राशन के सामान के रूप में मदद पहुंचाई गई है.

 

आपदा में दर्द की दास्तां: सिराहड़ी गांव के स्थानीय लोगों ने अपने दर्द की दास्तां सुनाते हुए बताया कि अपने आशियाने को तिनकों की तरह बिखरते हुए उन्होंने अपनी आंखों से देखा है. स्थानीय निवासी, राजकुमार के घर पर उसके बीमार पिता थे, वह मेहनत से बनाए अपने आशियाने को टूटते देख रहे थे. जब परिवार जान बचाने के लिए एक कमरे से दूसरे कमरे में उन्हें ले जा रहे थे तो उन्होंने देखा की पूरे घर में दरारें आ गई हैं. अपनी नजरों के सामने अपने घर को टूटता देख वो सहन नहीं कर पाए और उनकी हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई. वहीं, बारिश के इस कहर में लगभग पूरा गांव ही बर्बाद हो गया है.

 

लोगों की सराकर से दरकार: आज न तो सिहारड़ी गांव में लोगों की जमीनें बची हैं, न ही उनके घर. लोगों के आशियाने मलबे में समा गए हैं. इन लोगों को बस अब सरकार से ही मदद की उम्मीद बाकी रह गई है. सिहारड़ी गांव के प्रभावित लोगों का कहना है कि सरकार उनकी जमींदोज हुई जमीन को अपने पास रख ले और उतनी ही जमीन उन्हें कहीं और दे दे, ताकि वे फिर से अपने आशियाने बसा सकें.

 

न रहने का घर, न घर बनाने को जमीन: सिहारड़ी गांव के लोगों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि उनके घरों के मलबे में तब्दील होने के बाद, अब वे लोग दूसरों के घरों में रहने को मजबूर हैं. उनके पास न ही घर बचा है और न ही जमीन की वो फिर से अपने रहने लायक कुछ बना सकें. स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव में एक सड़क थी, जिसका मौजूदा समय में नामोनिशान तक नहीं है. आईपीएच विभाग की पाइप लाइन तेज बारिश के बहाव में बह गई है. उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है कि या तो सरकार उनका घर बनाने में मदद करे या फिर जितनी जमीनें उनकी इस हादसे में गई है, उसके बदले कहीं और उतनी जमीन दिलवाने का प्रबंध करे.

 

बता दें कि 12 सितंबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का सिहारड़ी गांव आने का कार्यक्रम था, लेकिन खराब मौसम के चलते वह यहां नहीं आ पाए.

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