हिमाचल में उद्योग और प्रदेश के लोगों को रोजगार के सवाल पर सरकार का जवाब
हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के 5वें दिन विपक्ष ने सदन में काम रोको प्रस्ताव लाया. स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं खत्म करने के नोटिस को लेकर रणधीर शर्मा ने सरकार को घेरा. रणधीर शर्मा ने कहा जलशक्ति विभाग के आउटसोर्स कर्मचारी हटाए गए है और अब स्वास्थ्य विभाग के हटाए जा रहे हैं. इस पर चर्चा की जानी चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा ये बहुत अहम विषय है. हिमाचल में आउटसोर्स में लगे कर्मचारियों में से 10 हजार लोग निकाल दिए गए हैं. हेल्थ डिपार्टमेंट में से 2000 कर्मचारियों को निकाला गया है. कर्मचारियों को 6 माह से सैलरी नहीं दी गई है. जिन लोगों ने दूसरे का जीवन बचाया है, इन पर दया कीजिए. चर्चा के लिए दिए नोटिस को स्वीकार किया जाए.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिलने की बात झूठ है. गलतियां आपने की है भुगत हम रहे है. आउटसोर्स कर्मचारियों को 30 जून तक पूरी सैलरी दी है. इनको 30 सितंबर तक एक्सटेंशन दी गई है. ये कर्मचारी है, अगर जरूरत होगी तो इसका आकलन किया जाएगा. इस आधार पर इनका फैसला होगा.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा विपक्ष के इस प्रस्ताव को निरस्त किया जाता है. इसके बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ. विपक्ष ने नारेबाजी शुरू की. विपक्ष ने वॉकआउट किया. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा विपक्ष बिखरा नजर आ रहा है. हिमाचल में तबाही पर तीन दिन चर्चा की, लेकिन इसमें साथ नहीं दिया. ये हिमाचल के आपदा प्रभावित परिवार के साथ खड़े नहीं हुए.
सीएम सुक्खू ने कहा सभी सरकारी आवास पर 3 करोड़ खर्च किए गए. विपक्ष ने इस पर सवाल पूछा था कि सीएम , मंत्रियों के आवास पर कितना खर्च हुआ. सुधीर शर्मा ने मांग की कि स्मार्ट सिटी में कार्य की गुणवता की जांच के लिए कमेटी बनाई जाए. सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि कुछ इसके बारे में फैक्ट देंगे तो जांच करेंगे.