अन्य राज्यबिहार

बिहार चुनाव: 45 सीटें जहाँ अब तक महिला उम्मीदवारों की नहीं हुई जीत

पटना

बिहार की 45 विधानसभा सीटों पर अबतक एक भी महिला नहीं चुनी गई हैं। मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और दरभंगा जिले में ही ऐसी सीटों की संख्या सबसे अधिक हैं। मुजफ्फरपुर की 11 विधानसभा क्षेत्रों में से आठ सीटों पर एक भी महिला नहीं जीती है। दूसरी तरकफ दरभंगा और समस्तीपुर में भी आठ सीटों से अब तक किसी महिला को विधान सभा की दहलीज तक जाने का मौका नहीं मिला है।

राष्ट्रीय दलों ने टिकट देने में अनदेखी की तो निर्दलीय भी इन महिलाओं ने अपनी किस्मत आजमाई। लेकिन, कड़े संघर्ष के बाद भी जीत हासिल नहीं कर सकी। बिहार में मतदान करने में भले ही महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है, मगर आज भी टिकट मिलने के मामले में वे पीछे हैं। इस कारण इसकी भागीदारी कम है।

सक्रिय कार्यकर्ताओं को भी नहीं मिल पाता टिकट: राजनीति की जानकार डॉ.तारण राय, डॉ. पूनम सिंह समेत अन्य महिलाएं कहती हैं कि सभी राजनीतिक दलों में महिला मोर्चा की सक्रिय भागीदारी रहती है। इनमें कार्यकर्ता के तौर पर महिलाओं की मुख्य भूमिका होती है, क्योंकि महिला वोटर मतदान केंद्रों पर अधिक पहुंचती हैं।

मगर विडंबना यह कि कार्यकर्ता के रूप में मेहनत करने वाली महिलाओं को टिकट देने में सभी दल पीछे हो जाते हैं। यह स्थिति तब है जब इन क्षेत्रों में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से लगातार अधिक रहा है।

वर्षों से लड़ रही हैं चुनाव, मगर नहीं मिली जीत

डॉ. तारण राय कहती हैं कि मुजफ्फरपुर की आठ, पूर्वी चंपारण की छह, शिवहर की एक, सीतामढ़ी की तीन, समस्तीपुर और दरभंगा की आठ-आठ,पश्चिम चंपारण की चार और मधुबनी की सात सीटें ऐसी हैं जहां से महिलाओं को कभी जीत नहीं मिली। इन इलाकों में महिलाएं वर्षों से चुनाव लड़ती रही हैं, संघर्ष करती रही हैं। उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर की 11 में से आठ सीटों पर आज तक कोई महिला विधायक नहीं बनी। इसमें मुजफ्फरपुर, औराई, मीनापुर, बरुराज, कांटी, साहेबगंज, कुढ़नी और सकरा जैसी सीट हैं।

यह हाल तब है जब इन इलाकों में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत कहीं अधिक है। 2020 में इन इलाकों में महिलाओं का वोटिंग 62.5 % था, जबकि 55%पुरुषों ने ही मतदान किया था। मधुबनी की मधुबनी, हरलाखी, बिस्फी, खजौली, झंझारपुर, लौकहा और राजनगर सीट महिला नेतृत्व से वंचित रही हैं। इन इलाकों में महिलाओं के मत का प्रतिशत पुरुषों से 5% अधिक रहा है। पूर्वी चंपारण की 12 सीटों में से छह सीटें रक्सौल, सुगौली, हरसिद्धि, पीपरा, मोतिहारी और मधुबन से भी अबतक कोई महिला विधायक नहीं बनी है। सीतामढ़ी की तीन प्रमुख सीटें सीतामढ़ी, रीगा और सुरसंड पर आज तक महिला उम्मीदवार सफल नहीं हो सकी हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button