हरियाणा

हरियाणा में HPSC चेयरमैन पर विवाद

दीपेंद्र हुड्डा बोले- बाहर वालों की नियुक्ति क्यों, क्या पौने 3 करोड़ प्रदेशवासियों में नहीं है कोई काबिल

चंडीगढ़: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) के चेयरमैन पद को लेकर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार को HPSC चेयरमैन बनाने के लिए लगभग 3 करोड़ की आबादी में से हरियाणा का कोई योग्य व्यक्ति नहीं मिला. इसके लिए बाहर से आईएफएस आलोक वर्मा को लाया गया. जिनके ऊपर पहले अनियमितताओं के कई गंभीर आरोप लगे थे. ऐसे में अगर हरियाणा के उच्च पदों की भर्तियों में बाहरियों का ज्यादा चयन हो रहा है, तो इसके पीछे की वजह समझी जा सकती है.

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकारी विभागों में 2.02 लाख पद खाली पड़े हैं. लेकिन भर्तियां करने की बजाए सरकार पेपर लीक और पेपर कॉपी जैसे घोटालों को अंजाम दे रही है. CET में धांधलियां करके युवाओं के भविष्य से लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में बेरोजगारी अब जानलेवा रूप ले चुकी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2014 से लेकर अबतक 12 बेरोजगार आत्महत्या कर चुके हैं. एक कड़वी सच्चाई ये भी है कि लाखों बेरोजगार युवा हताशा में नशे और अपराध के दलदल में भी फंस रहे हैं.

हरियाणा में चुनाव से पहले सियासी जंग तेज हो गई है. मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. जहां उन्होंने बीजेपी सरकार पर युवाओं को रोजगार ना देने और पानी के मुद्दे पर जुबानी हमला बोला है. उन्होंने कहा कि षड्यंत्र के तहत बीजेपी सरकारी नौकरियों से स्थानीय युवाओं को वंचित रख रही है.

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी प्राइवेट नौकरियों में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को आरक्षण देने की बात करती है. लेकिन वो 75 प्रतिशत सरकारी नौकरियों में बाहरी लोगों को भर्ती करने की नीति पर आगे बढ़ रही है. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि संसद में बेरोजगारी को लेकर पूछे गए सवाल का उत्तर देते हुए केंद्र सरकार ने माना था कि हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन प्रदेश है. इतना ही नहीं केंद्र सरकार के श्रम और रोजगार मामलों के राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने बताया कि बीजेपी सरकार बनने के बाद हरियाणा में बेरोजगारी 3 गुना बढ़ी है.

2013-14 में कांग्रेस सरकार के दौरान जो बेरोजगारी दर 2.9% थी, वो आज करीब 9.0% पर पहुंच गई है. जो देश में सबसे ज्यादा है. राष्ट्रीय स्तर पर बेरोज़गारी दर 4.1% है. यानी हरियाणा में राष्ट्रीय औसत से दोगुनी से भी ज्यादा बेरोजगारी है. उन्होंने कहा कि 2014 से पहले जो हरियाणा निवेश में नंबर वन था, वो आज बेरोजगारी दर में नंबर 1 है. इसकी गहराई में जाने पर पता चला कि बीजेपी-जेजेपी सरकार हर भर्तियों में हरियाणवी युवाओं को अनदेखा कर रही है और गैर-हरियाणवियों को नौकरी में प्राथमिकता दे रही है. इसके लिए उन्होंने विभिन्न विभागों में भर्ती के आंकड़े भी पेश किए.

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