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PS पूरन कुमार सुसाइड केस: हालात संभालने मैदान में उतरे मनोहर लाल खट्टर, करीबी सहयोगियों को भेजा

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हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की मौत का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। अब इस मामले में राहुल गांधी के उतर आने से राजनीति भी तेज हो गई है। आज राहुल गांधी दिवंगत पूरन कुमार की पत्नी और परिवार से मिलने वाले हैं। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने 17 अक्तूबर को सोनीपत में होने वाली रैली को ही रद्द कर दिया है। यह रैली नायब सिंह सैनी सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर की जानी थी। ऐसा पहली बार हुआ है, जब नायब सिंह सैनी सरकार को हरियाणा में किसी मसले पर चिंताओं का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि नायब सिंह सैनी सरकार को नेतृत्व अकेला छोड़ने को तैयार नहीं है।

पूर्व सीएम और फिलहाल केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद कमान संभाल ली है ताकि हालात ठीक किए जा सकें। खबर है कि उन्होंने अपने कुछ करीबियों को इस काम में लगाया है कि वे आईपीएस के परिवार को राजी कर लें ताकि पोस्टमार्टम हो सके और आगे की प्रक्रिया हो। आईपीएस की पत्नी पी. अमनीत कुमार ने कई मंत्रियों तक से बात करने से इनकार कर दिया और भाजपा के नेताओं को लौटा दिया। ऐसे में मनोहर लाल खट्टर ने अधिकारियों को ही जिम्मेदारी दी है कि वे परिवार को मनाएं। पी. अमनीत कुमार खुद भी आईएएस हैं और पति की खुदकुशी की खबर सुनकर जापान से लौटी थीं, जहां वह सीएम के साथ दौरे पर गई टीम का हिस्सा थीं।

डीजीपी छुट्टी पर, एसपी का ट्रांसफर; फिर भी राजी नहीं परिवार
अमनीत कुमार की मांग पर डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर छुट्टी पर भेज दिए गए हैं। रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया का ट्रांसफर हो चुका है। इसके बाद अब परिवार को राजी करने के प्रयास तेज हैं। ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार खट्टर के मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया बीते 24 घंटे के अंदर दो बार पूरन कुमार के घर जा चुके हैं। करनाल के सांसद और पूर्व सीएम खट्टर का आज भी सूबे में होल्ड माना जाता है। कटारिया के साथ सोमवार को हरियाणा के अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष बिजेंद्र बड़गूजर भी गए थे। इसके अलावा सूचना आयुक्त अमरजीत सिंह भी साथ थे। अमरजीत सिंह का नाम इसलिए अहम है क्योंकि वह पहले खट्टर के ओएसडी रहे हैं।

नायब सिंह सैनी से बात करने के बाद भेजे दूत
इस दौरान वह आईएएस अमनीत कुमार के घर पर ही रहा करते थे, जो पूरन कुमार की पत्नी हैं। उन्होंने भी परिवार से एक घंटे तक बात की और उन्हें मनाने का प्रयास किया। कहा जा रहा है कि कटारिया को भेजने से पहले खट्टर ने खुद नायब सिंह सैनी से बात की थी। कटारिया भी दलित परिवार से आते हैं और खट्टर के करीबी हैं। खट्टर के एक और करीबी तरुण भंडारी भी 4 बार परिवार से मिल चुके हैं। वह मनोहर लाल खट्टर के सीएम रहने के दौरान पब्लिसिटी एडवाइजर थे। इसके अलावा राज्य के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश खुल्लर भी कई दिनों से परिवार से बात कर रहे हैं।

मनोहर लाल खट्टर के एक नोट का क्यों हो रहा जिक्र
अहम बात यह है कि खुद पूरन कुमार के सुसाइड नोट के हवाले से कहा जा रहा है कि खट्टर ने गृह सचिव को एक नोट लिखा था। इसमें कहा था कि इस मामले की पूरी जांच दोबारा से की जाए और तब तक उनके खिलाफ कार्रवाई को स्थगित रखा जाए। हरियाणा सरकार के मंत्री राब नरबीर सिंह भी परिवार से मिल चुके हैं। इसके अलावा मोदी सरकार के मंत्री रामदास आठवले भी परिवार से मुलाकात कर चुके हैं।

 

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