
EPFO ने बदला नियम: नौकरी छोड़ते ही अब तुरंत निकाल सकेंगे PF का पैसा
नई दिल्ली
केंद्रीय युवा मामले एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के नियमों में भारी ढील दिए जाने पर प्रकाश डाला. इससे कर्मचारियों के लिए ईपीएफ निकासी आसान हो गई है.
नए नियमों के अनुसार नौकरी छूटने वाले कर्मचारी अब अपनी ईपीएफ राशि का 75फीसदी तुरंत निकाल सकते हैं. शेष 25 प्रतिशत राशि एक वर्ष बाद निकाली जा सकती है. इससे यह सुनिश्चित होता है कि कर्मचारी का 10 साल का सेवाकाल बरकरार रहे.
मंडाविया ने कहा, 'ईपीएफ निकासी अब आसान बना दी गई है. अगर किसी की नौकरी चली जाती है तो 75 फीसदी राशि तुरंत निकाली जा सकती है और एक साल बाद पूरी राशि निकालने की सुविधा उपलब्ध होगी. 25 फीसदी राशि एक वर्ष के लिए रखने के पीछे उद्देश्य यह है कि 10 साल का सेवाकाल बाधित न हो. इन नए सुधारों से कर्मचारी की सेवा निरंतरता बनी रहेगी और पेंशन प्राप्त करने से उनकी सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी.
इसके अतिरिक्त सरकार ने नौकरी छूटने के बाद धनराशि निकालने की अवधि दो महीने से बढ़ाकर एक वर्ष कर दी है, जिससे सदस्यों को नया रोजगार खोजने और नौकरी जारी रखने के लिए अधिक समय मिल जाएगा. एक अन्य महत्वपूर्ण कदम के तहत जिन प्रतिष्ठानों ने पहले ईपीएफओ में योगदान नहीं किया है, वे अब मामूली जुर्माने के साथ नामांकन करा सकते हैं.
इससे अधिक कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. इसके अलावा बुजुर्ग और दूरदराज के ईपीएफओ लाभार्थियों की सहायता के लिए डाक सेवाओं के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं ताकि उनके घरों पर ही जीवन प्रमाण पत्र का प्रमाणीकरण और जारी करने की सुविधा प्रदान की जा सके. इससे यह सुनिश्चित होता है कि लाभार्थी ईपीएफओ कार्यालयों में जाए बिना ही अपना लाभ प्राप्त कर सकें.