
पंजाब में 17-18 नवंबर को हड़ताल का ऐलान, आम जनता की बढ़ेगी मुश्किलें
जालंधर
पनबस-पी.आर.टी.सी. ठेका कर्मचारी यूनियन की मांगों को लेकर सरकार के चल रहे मतभेद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे, जिसके चलते बार-बार बसों का चक्का जाम हो रहा है और यात्रियों को परेशानियां उठानी पड़ रही है। इसी क्रम में यूनियन ने घोषणा की है कि 17 नवम्बर को किलोमीटर स्कीम की बसों संबंधी टैंडर खुलते ही पंजाब में सरकारी बसों का चक्का जाम किया जाएगा।
आज यूनियन के प्रतिनिधिमंडल की एक मीटिंग वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई जिसमें वक्ताओं द्वारा अपना विरोध जताया गया। मीटिंग के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान यूनियन के प्रदेश प्रधान रेशम सिंह गिल व महासचिव शमशेर सिंह ढिल्ली ने कहा कि आज की मीटिंग में हमेशा की तरह मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया गया है, लेकिन कोई पक्का हल नहीं निकाला गया, जिसके चलते वह संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछली बार एक अहम मीटिंग में 1 माह के दौरान मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब कई माह बीत जाने के बावजूद मांगों का समाधान नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि निजी बस कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए किलोमीटर स्कीम के तहत नए टैंडर निकाले गए हैं, इसके विरोध में यूनियन द्वारा बार-बार विरोध किया जा रहा है। पिछली बार विभाग द्वारा टैंडरों को रद्द कर दिया गया और अब 17 नवम्बर को टैंडर खोलने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है, जिसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसी क्रम में 17 नवम्बर को टैंडर खुलते ही पंजाब भर में यूनियन से संबंधित कर्मचारी बसों का चक्का जाम कर देंगे। इसी क्रम में 17 नवम्बर को बाद दोपहर 2 बजे वरिष्ठ अधिकारियों के दफ्तरों व सरकारी आवासों के बाहर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। वक्ताओं ने कहा कि 18 नवम्बर को पक्का मोर्चा लगाते हुए चंडीगढ़ में धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा जोकि मांगों का हल होने तक लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इसी के अन्तर्गत वह अनिश्चितकालीन हड़ताल करने को मजबूर होंगे। इस मौके वरिष्ठ उप-प्रधान हरकेश कुमार विक्की ने कहा कि ठेकेदारी प्रणाली को तुरंत बंद किया जाए और कर्मचारियों को पक्का किया जाए। इस मौके ज्वाइंट सचिव जगतार सिंह ने कहा कि विभाग में पहले से ही कर्मचारियों की




