मालदीव के राष्ट्रपति बनते ही भारत विरोध में उतरे मोहम्मद मुइज्जू, भारतीय सेना के खिलाफ उगला जहर
माले
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पदभार संभालने के तुरंत बाद से ही भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया। राष्ट्रपति मुइज्जू ने शुक्रवार को एक बार फिर भारतीय सैनिकों को देश से बाहर निकालने की कसम खाई। मुइज्जू ने भारत का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उन्होंने अपने सभी चुनावी वादों को पूरा करने को कहा। मुइज्जू के चुनावी वादों में भारतीय सैनिकों को मालदीव से निकालना भी शामिल है। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा कि देश में कोई भी विदेशी सैनिक नहीं होंगे।
इंजीनियर से नेता बने मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू समेत कई विदेशी हस्तियों की मौजूदगी में मालदीव के आठवें राष्ट्रपति के रूप में शुक्रवार को शपथ ग्रहण की। मुइज्जू (45) ने ‘रिपब्लिकन स्क्वैयर’ पर आयोजित ‘पीपल्स मजलिस’ की विशेष सभा में पद की शपथ ली।
प्रधान न्यायाधीश मुथासिम अदनान ने मुइज्जू को पद की शपथ ग्रहण कराई। इस समारोह में हुसैन मोहम्मद लतीफ ने मालदीव के 10वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। मुइज्जू के साथ इस अवसर पर उनकी पत्नी साजिदा मोहम्मद भी मौजूद थीं।
कौन-कौन हुआ शामिल
इस कार्यक्रम में निवर्तमान प्रशासन से पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के अलावा दो अन्य पूर्व राष्ट्रपतियों मोहम्मद नाशीद और डॉ. मोहम्मद वहीद समेत देश के कई शीर्ष नेता भी उपस्थित रहे। ‘सन’ समाचार पत्र के अनुसार, निवर्तमान एवं नए प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और सांसद तथा 1,000 आम लोग कार्यक्रम में शामिल हुए। इस समारोह में रीजीजू के अलावा दक्षिण एशिया के जिन पड़ोसी देशों के नेता शामिल हुए, उनमें श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे एवं उनकी पत्नी मैत्री विक्रमसिंघे, बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसन महमूद, पाकिस्तान के संघीय सूचना एवं प्रसारण और संसदीय कार्य मंत्री मुर्तजा सोलांगी और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ शामिल हैं।
चीन के करीबी हैं मुइज्जू
मुइज्जू मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के करीबी सहयोगी हैं। यामीन ने 2013 से 2018 तक राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान चीन के साथ निकट संबंध स्थापित किए थे। सोलिह ने ‘पहले भारत’ की नीति का पालन किया था और भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए। मुइज्जू ने लंदन विश्वविद्यालय से ‘स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग’ में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने बाद में लीड्स विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में पीएचडी की।