अन्य राज्यमध्य प्रदेश

हर शहर में अलग रेट, फास्टैग तर्ज पर वसूली का प्रावधान

भोपाल

प्रदेशभर के शहरी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहे वाहनों की संख्या के हिसाब से नगरीय प्रशासन विभाग ने नई पार्किंग पॉलिसी तैयार की है। इसे तीन दिसंबर के बाद गठित होने वाली नई सरकार के हिसाब से लागू किया जाएगा।

किस शहर में पार्किग में खड़े होने वाले वाहनों का अवधि के हिसाब से क्या किराया तय किया जाए यह अधिकार निकायों को दिया जाएगा। वे वहां का न केवल किराया तय करेंगे बल्कि उसमें विभिन्न वर्गो को दी जाने वाली रियायतों का स्वरूप भी तय करेंगे। शहरी क्षेत्रों में रेलवे स्टेशन और बस स्टेशनों के बाहर भी वाहन पार्किंग के लिए स्थल विकसित किए जाएंगे। ताकि किसी एक ठेकेदार की मोनापॉली न हो  और आमजन को रियायती दरों पर वाहन पार्किंग की सुविधा उपलब्ध हो सके।

नई पालिसी में बाजारों, मेलों, धार्मिक स्थलों, भीड़ वाले स्थानों को चिन्हित किया जाएगा। पॉलिसी में व्यापरियों के लिए मासिक पास, फास्टैग की तर्ज पर आटोमेटिक और मैन्युअल किराया लेने की व्यवस्था और पार्किंग स्थलों में सीसीटीवी, लाइट, गार्ड जैसे सुरक्षा प्रबंध भी किए जाने का प्रावधान किया जा रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रमोट करने के लिए पार्किंग स्थलों पर चार्जिंग स्टेशन और रियायती पार्किंग का प्रावधान भी नई पालिसी में किया जाएगा।

घर के बाहर खड़े वाहनों के लिए बनेंगे ओवरनाइट पास
शहरी क्षेत्रों में सड़कों पर और भवनों के बाहर पार्किंग ही प्रतिबंधित है। इसलिए जहां ऐसे वाहन खड़े किए जाते है उनके लिए ओवरनाइट पास की पार्किंग में वाहन खड़े करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और उसमें उन्हें रियायत भी दी जाएगी। मासिक पास भी इनके लिए जारी किए जाएंगे।

सर्वे के बाद होगा स्थानों का चयन
नगरीय प्रशासन विभाग प्रदेश के सभी शहरी क्षेत्रों में अब पार्किंग का निर्माण करने से पहले सर्वे कराएगा। जो बड़े बाजार, शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल है वहां सर्वे कराया जाएगा कि रोजाना वहां कितने वाहनों की आवक-जावक किस समय होती है। पार्किंग की जरुरत किस समय ज्यादा है। इसके लिए उन क्षेत्रों में वाहन खड़े करने के लिए मल्टीलेबल पार्किंग और सामान्य पार्किंग बनाई जाएगी।

मॉनिटरिंग की व्यवस्था
शहरी क्षेत्रों में जो भी पार्किंग होगी उनकी मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके लिए अमला भी तैनात होगा और कुछ सीसीटीवी कैमरों का प्रबंध भी किया जाएगा। शिकायतों की सुनवाई के लिए अलग से अंतर विभागीय कमेटी भी बनाई जाएगी। पार्किंग पॉलिसी के क्रियान्वयन से जुड़े विभागों को इस समिति के निर्णयों को मानना होगा। ठेकेदारों की मोनोपाली न हो इसलिए अवधि के अनुसार किराया भी पहले से तय होगा और उसका समय-समय पर निरीक्षण और मॉनिटरिंग भी होगी।

वाहनों की संख्या और बेतरतीब पार्किंग निर्माण का रखा गया ध्यान
मध्यप्रदेश में पंजीकृत होने वाले वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसमें पंजीकृ त होने वाली कारों की संख्या 9.3 प्रतिशत और दुपहिया वाहनों की संख्या में 62 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। इसको ध्यान में रखते हुए नगरीय प्रशासन विभाग ने शहरी क्षेत्रों के लिए पार्किंग पॉलिसी तैयार की है। वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में बेतरतीब पार्किंग का निर्माण हुआ है।  इसलिए इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए शहरी क्षेत्रों की पार्किंग पॉलिसी तैयार की गई है जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की पार्किंग पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में लागू किया जाएगा। नई पॉलिसी विभिन्न वर्गो के हितों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
भरत यादव, आयुक्त नगरीय प्रशासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
slot gacor toto 4d slot toto slot gacor thailand slot777 slot tergacor https://mataerdigital.com/ istanapetir slot gacor cupangjp situs maxwin ayamjp gampang menang slot online slot gacor 777 tikusjp situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot
lemonadestand.online monitordepok.com portal.pramukamaros.or.id elibrary.poltektranssdp-palembang.ac.id cutihos.wikaikon.co.id pmb.umpar.ac.id industri.cvbagus.co.id ppdb.smpn1mantup.sch.id taqwastory.sma1bukitkemuning.sch.id media.iainmadura.ac.id omedia.universitasbumigora.ac.id pik.omedia.universitasbumigora.ac.id https://threadsofhopetextiles.org/bekleng/indexing/