जयराम ठाकुर समेत भाजपा के 15 विधायक सस्पेंड, हिमाचल में तेज हुआ खेल
शिमला
हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक हलचल लगातार तेज है। एक तरफ कांग्रेस की सरकार संकट में है तो वहीं उसे बचाने के लिए विधानसभा में नया ही गणित चल रहा है। विधानसभा स्पीकर ने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर समेत भाजपा के 15 विधायकों को सत्र से निष्कासित कर दिया है। इस ऐक्शन के बाद सदन में किसी भी वोटिंग के लिए 10 विधायक ही मौजूद होंगे। ऐसा हुआ तो बजट बिना किसी रुकावट के ही पास हो जाएगा और सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो जाएगा। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि हिमाचल सरकार की योजना है कि सदन स्थगित होने से नाराज विधायकों को मनाने के लिए कुछ वक्त मिल जाएगा।
भाजपा के जिन विधायकों को निष्कासित किया गया है, उनमें जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, रणधीर शर्मा, लोकेंद्र कुमार, विनोद कुमार, हंसराज, जनकराज, बलबीर वर्मा, त्रिलोक जम्वाल, सुरेंद्र शोरी, दीप राज, पूरन ठाकुर, इंदर सिंह गांधी और दिलीप ठाकुर शामिल हैं। विधानसभा स्पीकर का कहना है कि इन लोगों पर सदन में हंगामा करने और नारेबाजी करने के आरोप में ऐक्शन लिया गया है। वहीं भाजपा का कहना है कि यह अन्यायपूर्ण कार्रवाई है और स्पीकर ने कांग्रेस की सरकार को बचाने के लिए इस तरह का ऐक्शन लिया है।
आज सुबह ही जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा नेताओं ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की थी। इस मीटिंग में उन्होंने कांग्रेस सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया था। माना जा रहा है कि सदन में फ्लोर टेस्ट होने या फिर बजट पास कराने के लिए वोटिंग की मांग होने पर कांग्रेस सरकार के अल्पमत में होने का खतरा था। ऐसी स्थिति से बचने के लिए स्पीकर ने भाजपा के 15 विधायकों को ही निष्कासित कर दिया है। अब यदि वोटिंग हुई तो भाजपा के विधायकों की सदन में संख्या 10 ही बची है क्योंकि उसके कुल 25 ही विधायक हैं।
राज्यसभा की 15 सीटों के लिए उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को हुए चुनाव में क्रॉस वोटिंग के कारण तीनों राज्यों में सियासी पारा चढ़ा रहा। खासकर हिमाचल प्रदेश में जहां 40 विधायकों वाली कांग्रेस के छह विधायकों ने पार्टी प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ वोट डालकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को ही खतरे में ला दिया है। यहां भाजपा के हर्ष महाजन को पार्टी के 25 विधायकों के अतिरिक्त कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों के वोट भी मिले। इसके कारण कांग्रेस और भाजपा को 34-34 वोट मिलने पर लॉटरी से फैसला किया गया जो भाजपा के पक्ष में रहा।
प्रियंका गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष को दी हिमाचल की पूरी जानकारी
हिमाचल प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बारे में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी अपनी नजर बनाए हुई हैं. उन्होंने हिमाचल की घटना की पूरी जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दी है. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने बताया कि कुछ विधायकों ने उनसे बात की है. विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को प्रियंका गांधी से बात की थी. प्रियंका इस पर पूरी नजर बनाए हुए हैं. वह लगातार सुक्खू और राजीव शुक्ला से भी लगातार संपर्क में हैं.
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग पर बोले अनुराग ठाकुर
हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा चुनाव के रिजल्ट और क्रॉस वोटिंग को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ''कांग्रेस ने बड़े-बड़े और फर्जी वादे करके हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाई. सरकार बनने के बाद उनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया. लोग पूछते थे सवाल जब कांग्रेस के विधायक अपने क्षेत्र में गए. उनके पास देने के लिए कोई जवाब नहीं था…कोई काम नहीं हुआ, कांग्रेस के अपने विधायकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था…कांग्रेस विधायकों ने 14 महीने के भीतर अपनी ही पार्टी क्यों छोड़ दी, क्या मजबूरी थी?…एक कारण यह है कि उन्होंने एक गैर-हिमाचली व्यक्ति को टिकट दिया.''
वहीं, अब सूबे में सियासी हालात तेजी से बदल रहा है। बुधवार को सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने गवर्नर से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि जयराम ठाकुर और गवर्नर की इस मुलाकात के बाद राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को सदन में बहुमत साबित करने के लिए कह सकते है।
अल्पमत में है सुक्खू सरकार- जयराम ठाकुर
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मिलने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने आज राज्यपाल से मिलकर उन्हें राज्य में सियासी हालात के बारे में जानकारी दी है। कांग्रेस सरकार के पास बहुमत नहीं है तो नैतिक आधार पर वो इस्तीफा दें।
भाजपा ने विधायकों को किया किडनैपः सुक्खू
वहीं, इस पूरे मामले पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि भाजपा द्वारा कांग्रेस के छह विधायकों और तीन निर्दलीय विधायको को किडनैप कर लिया गया है। बताया गया कि सीआरपीएफ व हरियाणा पुलिस की कॉन्वॉय इन सभी नौ विधायकों को मतदान के तुरंत बाद हरियाणा के पंचकुला ले गई है। राज्यसभा के मतदान के बाद नौ विधायक वापस सदन की कार्यवाही में नहीं पहुंचे। बदले गणित से विधानसभा में सुक्खू सरकार खतरे में आ गई है।
विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा
वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू सरकार से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर मैंने प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को इस बारे में बता दिया है. उन्होंने कहा कि कभी-कभी कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं और वर्तमान हालात को देखते हुए मैं इस सरकार में नहीं रह सकता हूं.
पिता को याद कर भावुक हुए विक्रमादित्य
विक्रमादित्य सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपनी पिता को याद कर भावुक हो गए. उन्होंने पिता की तुलना आखिरी मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर से की. उन्होंने कहा कि पूरा चुनाव वीरभद्र सिंह के नाम पर हुआ. भारी मन के साथ कहना पड़ रहा है कि जिस व्यक्ति की वजह से हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी, उनकी मूर्ति लगाने के लिए शिमला के मॉल रोड पर 2 गज जमीन नहीं दी. ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि 2022 के चुनाव जिन परिस्थितियों में हुए थे, उस समय नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और प्रतिभा सिंह ने मिलकर प्रयास किए. वीरभद्र सिंह का नाम तब चुनावों में इस्तेमाल किया गया. कांग्रेस पार्टी की तरफ से विज्ञापन के जरिए वीरभद्र की फोटो के जरिए जनता से वोट मांगे गए. मैंने कभी पद की लालसा नहीं की.
विधायकों के साथ अनदेखी हुई है. विधायकों को प्रताड़ित किया गया है. सरकार की गवर्नेन्स हमारे सामने है. बार-बार इन मसलों को हाईकमान के समक्ष उठाया गया. सरकार को बनाने में हमने बहुत ही मतवपूर्ण योगदान दिया है. चुनी हुई सरकार के सामने अपने हर वायदे को पूरा करना.
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. जितना हमसे हो सका हमने सरकार का पूरी मजबूती से काम किया और समर्थन किया. दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे ह्यूमिलेट किया गया है. मेरे विभाग के कामकाज में हस्तक्षेप किया गया. मैं उनमें से नहीं हूं कि किसी भी दबाव में आए. हमेशा की तरह आज भी सही का समर्थन और गलत का विरोध करेंगे. पूरे घटनाक्रम को लेकर हाईकमान से बात की है.