बायोकेमिस्ट्री जांच के लिए भागदौड़ से मिलेगी मुक्ति, करौली जिला चिकित्सालय के नवीन भवन में लगाई मशीन
करौली.
मण्डरायल मार्ग स्थित जिला चिकित्सालय में अब रोगियों को बायोकेमिस्ट्री से संबंधित जांचों के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। जिला चिकित्सालय के नवीन भवन में बायोकेमिस्ट्री जांच शुरू हो गई। इससे रोगियों को राहत मिलेगी। करीब आठ वर्ष के इंतजार के बाद ये जांच शुरू हुई है। अब तक बायोकेमिस्ट्री से संबंधित जांचों के लिए रोगियों और गर्भवती महिलाओं को शहर स्थित पुराने सामान्य चिकित्सालय तक चक्कर काटने पड़ते थे।
सामान्य चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्साधिकारी डॉ. रामकेश मीना ने बताया कि मण्डरायल मार्ग स्थित नवीन चिकित्सालय भवन में शुक्रवार से बायोकेमिस्ट्री जांचें शुरू हुई हैं। फरवरी 2017 में मण्डरायल मार्ग स्थित नवीन चिकित्सालय भवन में शहर स्थित पुराने चिकित्सालय भवन से कुछ यूनिटों को स्थानांतरित कर दिया गया था। वर्तमान में दोनों स्थानों पर चिकित्सालय का संचालन हो रहा है, लेकिन नवीन भवन में बायोकेमिस्ट्री मशीन का अभाव बना हुआ था, जबकि नवीन भवन में ही एमएसीएच का भी संचालन हो रहा है। ऐसे में अन्य रोगियों के साथ गर्भवती महिलाओं, शिशुओं की जांच में परेशानी हो रही थी। गर्भवती महिलाओं व शिशुओं के लिए चिकित्सक द्वारा बायोकेमिस्ट्री से संबंधित जांच लिखने पर जांच की खातिर रोगी और उनके परिजनों को करीब आठ किलोमीटर दूर शहर स्थित चिकित्सालय की लैब में आना मजबूरी बनी हुई थी, लेकिन अब बायोकेमिस्ट्री मशीन उपलब्ध होने पर नवीन भवन में ही जांचें हो सकेंगी। इससे रोगियों को राहत मिलेगी।
40 से 50 रोगियों की होती है जांच
चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार औसतन 40 से 50 रोगियों की बायोकेमिस्ट्री से संबंधित विभिन्न जांचें प्रतिदिन लिखी जाती हैं। इनमें इनडोर, आउटडोर रोगी के अलावा गर्भवती महिलाओं के लिए जांचें लिखी जाती हैं। बायोकेमिस्ट्री की जांच में लीवर, किडनी, कॉलस्ट्रोल से संबंधित जांचें की जाती हैं।