टीम से बाहर रहने पर शर्मिला ने कहा, वह मुश्किल समय था लेकिन मैं मानसिक रूप मजबूत रही
नई दिल्ली
युवा फारवर्ड शर्मिला देवी का मानना है कि खुद को बेहतर बनाने की चाहत ने उन्हें भारतीय महिला हॉकी टीम में वापसी करने में मदद की और वह अपने खेल में निरंतरता बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखेंगी।
हरियाणा की इस 22 वर्षीय खिलाड़ी ने इस साल फरवरी में चीन के खिलाफ एफआईएच हॉकी प्रो लीग मैच के साथ करीब नौ महीने बाद भारतीय टीम में वापसी की। हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति में शर्मिला के हवाले से कहा गया, ‘‘यह आसान नहीं था। मुझे करीब नौ महीने तक राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिला।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला (मई 2023) के बाद मुझे फरवरी 2024 में एफआईएच हॉकी प्रो लीग में राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का मौका मिला लेकिन मैं एशियाई खेलों और ओलंपिक क्वालीफायर से चूक गई। वह मुश्किल समय था लेकिन मैं मानसिक रूप से मजबूत रही और कड़ी ट्रेनिंग करते हुए धैर्यपूर्वक अपने मौके का इंतजार किया।’’
शर्मिला ने कहा ‘‘मैंने दिन-रात अपने खेल पर काम किया। मैं इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट थी कि वापसी का यही एकमात्र रास्ता है और मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा। फारवर्ड के रूप में अपने कौशल पर काम करने के अलावा मैंने रक्षात्मक पहलुओं पर भी काम किया।’’ जब भारत ने एफआईएच हॉकी प्रो लीग 2023-24 के अपने पहले मैच में चीन का सामना किया तो शर्मिला को आखिरकार मैदान पर उतरने का मौका मिला।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक बार फिर भारतीय जर्सी पहनकर बहुत उत्साहित थी। यह मेरे द्वारा की गई मेहनत का इनाम था। अगर हम वह मैच जीत जाते तो मुझे बहुत खुशी होती लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो सका।’’