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तीन दशक पहले बने नाले का नहीं हुआ दोबारा निर्माण, अवैध अतिक्रमण आ रहा आड़े
टीम एक्शन इंडिया
समालखा ( कुलदीप सिंह )
शहर की निकासी का मुख्य जरिया रेलवे रोड पर बने हुए नाले हैं। लेकिन 32 वर्ष बीत चुके हैं इसका दोबारा से निर्माण नहीं हो सका है। साथ ही दुकानदारों नाले पर बनाए गए अवैध थड़ों के कारण ना तो गंदे पानी की निकासी हो पाती है और ना ही इसमें जम चुके गाद को ही निकाला जा सकता है। अब नपा करीब ढाई करोड़ रुपए की लागत से नाला बनाने की तैयारी में है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1982 में समालखा नगरपालिका बनाया गया था। पहली नगरपालिका गठन के बाद रेलवे रोड पर दोनों तरफ नाले का निर्माण किया गया था। उसके करीब दो दशक बाद नाले की ईंटों की दीवार की एक-दो जगह मरम्मत की गई थी। लेकिन नाले का निर्माण नहीं किया गया जबकि तीन दशक पहले बने नाले को मरम्मत की आवश्यकता है।
उक्त नाले ही निकासी का मुख्य जरिया हैं और शहर की विभिन्न कालोनियों का पानी इसी से गुजरता है। लेकिन दुकानदारों द्वारा पुराने बस अड्डे से चुलकाना मोड़ और चुलकाना मोड़ से पुरानी तहसील तक अवैध रूप से थड़े बनाकर नाले पर अतिक्रमण कर लिया है। इसके कारण ना तो नालों की सफाई हो पाती है और ना ही वर्षों से जमा सिल्ट को निकाला जा सका है।
निकासी दुरूस्त नहीं होने का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। आमजन का कहना है कि नगरपालिका चुनाव को दो वर्ष हो चुके हैं लेकिन आज तक निकासी व्यवस्था का समाधान नहीं हो सका है। बारिश का मौसम आ गया है और मानसून में शहर की हालत पिछले वर्षों की तरह बद से बदत्तर हो जाएगी।
वहीं इस बारे में जेई गौरव कुमार का कहना है कि पुरान बस अड्डे से चुलकाना रोड होते हुए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक नाले का निर्माण किया जाएगा। करीब ढाई करोड़ का एस्टीमेट जल्द ही अप्रुवल के लिए भेजा जाएगा।