
हौसले की जीत: JCB चालक की बेटी ने दिव्यांगता को हराया, ‘वीर बाल दिवस’ पर राष्ट्रपति से मिला सम्मान
डबवाली
कहते हैं कि जब इरादे बुलंद हों, तो पूरी कायनात आपका साथ देती है। इस कहावत को सच कर दिखाया है डबवाली हल्के के गांव ओढ़ां में स्थित पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय की 11वीं कक्षा की होनहार दिव्यांग छात्रा ज्योति ने। उसने अपनी शारीरिक चुनौतियों को मात देकर राष्ट्रपति भवन तक का सफर तय किया है। ज्योति को उसके अदम्य साहस व खेल प्रतिभा के लिए आज 'वीर बाल दिवस' के शुभ अवसर पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा सम्मानित किया गया।
ज्योति एथलेटिक्स में डिस्कस थ्रो, शॉट पुट व भाला फेंक में अपनी खास पहचान बना चुकी है। उसने विभिन्न प्रतियोगिताओं में स्वर्ण व रजत पदक जीतकर यह साबित कर दिया कि सीमाएं केवल सोच में होती हैं, लेकिन ज्योति का जीवन आसान नहीं रहा।
बचपन से ही वह ‘लोकोमोटर डिसेबिलिटी’ से ग्रसित है, लेकिन उसने कभी हालातों के आगे हार नहीं मानी। उसके पिता विजयपाल ऐलनाबाद में जेसीबी मशीन चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं और उन्होंने हर कदम पर बेटी के सपनों को हौसले और विश्वास का सहारा दिया। ज्योति ने वर्ष 2020 में कोरोना काल के दौरान जवाहर नवोदय विद्यालय ओढ़ां की चयन परीक्षा उत्तीर्ण कर कक्षा 6 में प्रवेश पाया। यहीं से उसके संघर्षपूर्ण जीवन को नयी दिशा की मजबूत नींव पड़ी।
ज्योति की प्रतिभा को सही दिशा तब मिली जब वर्ष 2022 में कक्षा 8 उत्तीर्ण करने के बाद उसे आदित्य मेहता फाउंडेशन द्वारा हरिद्वार में आयोजित विशेष प्रशिक्षण शिविर में भेजा गया। सात दिनों के इस कैंप में विशेषज्ञों ने उसकी क्षमता को पहचाना और डिस्कस थ्रो व शॉट पुट में उसके उज्ज्वल भविष्य की संभावना जताई।
विशेषज्ञों की सलाह व अभिभावकों की सहमति से ज्योति को उन्नत प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद के जवाहर नवोदय विद्यालय, रंगा रेड्डी में भेजा गया। वहां कठोर अभ्यास के दौरान उसने अपनी खेल प्रतिभा को और निखारा। दसवीं की बोर्ड परीक्षा देने के लिए वह ओढ़ां लौटी, परीक्षा सफलतापूर्वक पास करने के बाद 11वीं कक्षा में दाखिले के साथ वह फिर से हैदराबाद लौट गई।
हैदराबाद में मिले कड़े प्रशिक्षण का ही परिणाम है कि ज्योति ने एथलेटिक्स की विभिन्न स्पर्धाओं में लगातार पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। विद्यालय के प्राचार्य ललित कालड़ा ने ज्योति और उसके परिवार को बधाई देते हुए विश्वास जताया कि आने वाले समय में वह पैरा एथलेटिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी।




