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पेंशन घोटाले में एसीबी का आरोप, पुलिस ने ठीक से नहीं की जांच
- CBI के रॉडार पर आए प्रदेश के कई आईएएस
चंडीगढ़: हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार के कार्यकाल में हुए पेंशन घोटाले की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं. एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने हरियाणा पुलिस पर जांच में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है. इस मामले में समाज कल्याण विभाग ने भी हलफिया बयान देकर अपने विभाग की स्थिति स्पष्ट की है. पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने गत दिवस पेंशन घोटाले की जांच CBI को सौंपने का फैसला सुनाया है. इस फैसले के बाद CBI ने तो अभी जांच शुरू नहीं की है अलबत्ता प्रदेश के कई आईएएस अधिकारी तथा जिला समाज कल्याण अधिकारी बचाव की मुद्रा में आ गए हैं.
हाईकोर्ट में बृहस्पतिवार को हुई कार्रवाई के दौरान एंटी कप्शन ब्यूरो के महानिदेशक द्वारा हाई कोर्ट में दायर शपथ पत्र में दावा किया गया है कि हरियाणा पुलिस ने बुढापा पेंशन फर्जीवाड़े में दर्ज एफआईआर की सही तरीके से जांच नहीं की है. हरियाणा (Haryana) सोशल जस्टिस इंपावरमेंट, वेलफेयर एससी, बीसी एंड अंत्योदय विभाग के प्रधान सचिव ने अपने शपथ पत्र में कहा है कि सात जिला समाज कल्याण अधिकारियों को अंडर रूल सात के तहत चार्जशीट किया गया है.
शपथ पत्रमें कहा गया है कि 6722 लोगों से 7.57 करोड़ रुपये की पेंशन वसूली करनी है जबकि 4.58 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है. वर्ष 2018 के बाद इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. समाज कल्याण विभाग की तरफ से इस मामले में की रिपोर्ट में कहा गया हौ कि वर्ष 2012 की जांच में 18 हजार 420 अयोग्य लोग पाए गए थे. 41 हजार 198 गैरहाजिर मिले थे और 29 हजार 381 की मृत्यु हो चुकी थी.
इसके बाद 22 अगस्त 2021 को फिर से अदालत में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करके बताया गया कि 13 हजार 477 लोग अयोग्य थे तो 17094 गैरहाजिर रहे. 50 हजार 312 मृत मिले. इस मामले में कुल 6722 लोगों से सात करोड़ 57 लाख 57 हजार 085 रुपये की रिकवरी जारी है. इनमें से 996 मृतकों की एक करोड़ 39 लाख एक हजार 773 रुपये की रिकवरी और 657 अनट्रेस लोगों की 95 लाख सात हजार 902 रुपये की रिकवरी शामिल नहीं है.