अन्य राज्यमध्य प्रदेश

प्रदेश अतिथि शिक्षकों की पूर्ति के लिये भी पारदर्शी तरीके से की जा रही कार्यवाही

भोपाल

प्रदेश में शासकीय स्कूलों में खाली पड़े शिक्षकों के पद के लिये स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। इनके आवेदन और ज्वाइनिंग से संबंधित सभी कार्यवाही ऑनलाइन प्रक्रिया से की जा रही है। ऐसी शासकीय शाला, जहाँ विगत वर्ष अतिथि शिक्षक कार्यरत थे और उस शाला में इस शैक्षणिक सत्र में भी रिक्त पद था। ऐसे संबंधित अतिथि शिक्षक स्वयं पोर्टल पर ऑनलाइन ज्वाइनिंग दे रहे हैं। इस शैक्षणिक सत्र में विभाग ने अतिथि शिक्षकों की सुविधा के लिये ऑनलाइन च्वाइस फिलिंग की प्रक्रिया शुरु की है। इस व्यवस्था से मेरिट के आधार पर अतिथि शिक्षकों को उपयुक्त शाला प्राप्त हो रही है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि ऐसे आवेदक, जो पात्रता परीक्षा पास हैं. उन्हें 30 अंक तथा पूर्व से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को उनके अनुभव के आधार पर 4 अंक प्रतिवर्ष के मान से अधिकतम 20 अंक प्रदान किये गये है। विभाग ने इस पद्धति से उनका स्कोर-कार्ड तैयार किया है। स्कोर कार्ड के मेरिट के आधार पर अतिथि शिक्षकों को शाला आवंटन की कार्यवाही की जा रही है।

51 हजार 558 अतिथि शिक्षक दे चुके हैं उपस्थिति

प्रदेश में अतिथि शिक्षक आमंत्रण व्यवस्था को पूर्णतः ऑनलाइन किया गया है। उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार विगत वर्षों में विद्यालय स्तर पर तैयार अतिथि शिक्षकों के पैनल जीएफएमएस पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज किये गये हैं।

उक्त पैनल से पिछले शैक्षणिक सत्र में कार्यरत रहे अतिथि शिक्षकों को ऑनलाइन आमंत्रण सुविधा अतिथि शिक्षक के ही लॉग-इन पर उपलब्ध करायी गयी है। इसका वेरिफिकेशन शाला प्रभारी द्वारा करने के बाद संबंधित अतिथि शिक्षक की ज्वाइनिंग संबंधित शाला में ऑनलाइन की गयी है। अब तक इस व्यवस्था के तहत 51 हजार 558 अतिथि शिक्षक विभिन्न शासकीय शालाओं में उपस्थिति दे चुके हैं। इस व्यवस्था के बाद शासकीय विद्यालयों में नवीन रिक्तियों के लिये अतिथि शिक्षकों को आवेदन सुविधा प्रदान की गयी है, जिसमें आवेदक द्वारा ही रिक्त पदों का चयन ऑनलाइन किया जा रहा है।

नवीन रिक्तियों वाले 31 हजार 268 शासकीय स्कूलों में 2 लाख से अधिक आवेदकों द्वारा आवेदन दिये जा चुके हैं। इन आवेदकों द्वारा विकल्प का चयन किया जा चुका है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शीघ्र ही आवेदकों को ऑनलाइन पद्धति से ही स्कूलों का आवंटन किया जायेगा।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button