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पंजाब पुलिस तंत्र में भारी फेरबदल के बाद अब प्रशासनिक तंत्र में फेरबदल की तैयारियां शुरू

जालंधर/चंडीगढ़
पंजाब पुलिस तंत्र में भारी फेरबदल के बाद अब प्रशासनिक तंत्र में फेरबदल की तैयारियां सरकारी हलकों में शुरू कर दी गई हैं। पंजाब पुलिस में गत दिन 21 सीनियर पुलिस अधिकारियों के तबादले किए गए थे। यद्यपि अभी पुलिस में और तबादले किए जाने हैं तथा एस.पी. व डी.एस.पी. रैंक के अधिकारी भी तबदील किए जाने हैं परन्तु यह कार्य जनप्रतिनिधियों की सलाह पर किया जाएगा।

उच्च स्तर पर तबादले मुख्य रूप से डी.जी.पी. गौरव यादव द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत मान से सलाह-मशविरा करने के बाद किए जाते हैं। इसी तरह से प्रशासनिक विभागों के प्रमुखों तथा डिप्टी कमिश्ररों के तबादले राज्य के मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा द्वारा मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करने के बाद किए जाएंगे।

इन तबादलों का उद्देश्य सरकार की छवि को नया रूप देना है क्योंकि मौजूदा साल सरकार के लिए काफी महत्वपूर्ण है। अगले वर्ष तो चुनावी साल शुरू हो जाएगा इसलिए उस समय तबादलों की अधिक अहमियत नहीं रह जाती है इसीलिए सरकार में यह चर्चा चल रही है कि मौजूदा वर्ष के दौरान अधिक से अधिक तबादले करके अच्छे अधिकारियों की तैनातियां की जाएं तो जनता के कामों को पहल के आधार पर कर सकें। दिल्ली विधानसभा चुनावों में पराजय मिलने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार अब केवल पंजाब में बची है इसलिए अगले 2 वर्ष सरकार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इस वर्ष प्रशासनिक अधिकारियों में फेरबदल भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि सरकार के पास ऐसी शिकायतें पहुंची थी कि प्रशासनिक सचिवों द्वारा फाइलों को समय पर क्लीयर नहीं किया जाता है। इसी तरह से डिप्टी कमिश्ररों के खिलाफ भी शिकायतें सरकार के पास पहुंची हुई है कि जनता की उनके पास सुनवाई नहीं होती है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ऐसी शिकायतों को लेकर काफी गंभीर हो गए हैं और उनका प्रयास है कि कम से कम इस वर्ष ऐसे अधिकारियों को जिलों में तैनात किए जाए जो जनता के साथ सीधा राफ्ता रख सकें और मैरिट व निष्पक्ष तौर पर पुलिस व प्रशासन में कामकाज चल सके।

232 कानून अधिकारियों की नए सिरे से नियुक्तियां होंगी
पंजाब सरकार द्वारा राज्य में 232 कानून अधिकारियों की नए सिरे से नियुक्तियां की जाएंगी। इन कानून अधिकारियों का कार्यकाल फरवरी महीने में समाप्त हो रहा है और इसलिए अब नए अधिकारियों की नियुक्तियां की जाएंगी। इन कानून अधिकारियों ने हाईकोर्ट-सुप्रीमकोर्ट तथा ट्रिब्यूनल में राज्य सरकार का पक्ष रखना होता है। ये नियुक्तियां एक वर्ष के लिए की जाती हैं।

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