राष्ट्रीय

सुनीता विलियम्स के बाद अब शुभांशु शुक्ला ड्रैगन यान से भरेंगे उड़ान

नई दिल्ली

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 286 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के बाद आज सुबह स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए धरती पर सुरक्षित लौट आई हैं। यह यान फ्लोरिडा के तट पर बुधवार सुबह 3:27 बजे (IST) सफलतापूर्वक उतरा। स्पेसएक्स के ड्रैगन यान से सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की सफल वापसी के बाद अब दुनिया की नजर आगामी एक्सियम मिशन 4 (Ax-4) पर टिकी है, जिसमें भारत की महत्वपूर्ण भागीदारी होगी।

वसंत 2025 में लॉन्च होने वाले इस निजी अंतरिक्ष मिशन में पहली बार भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट और गगनयान मिशन से जुड़े अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजा जाएगा। यह मिशन नासा के केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से स्पेसएक्स के ड्रैगन यान के जरिए रवाना होगा और करीब 14 दिनों तक चलेगा।

विविध अंतरराष्ट्रीय दल का हिस्सा होंगे शुक्ला

Ax-4 मिशन में शुभांशु शुक्ला के अलावा, नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन कमांडर की भूमिका निभाएंगी। उनके साथ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के अंतरिक्ष यात्री सावोश उजनांस्की-विस्नीवस्की (पोलैंड) और तिबोर कापू (हंगरी) भी होंगे। यह टीम अंतरिक्ष में विभिन्न वैज्ञानिक रिसर्च, शैक्षिक गतिविधियां और व्यावसायिक परियोजनाओं में शामिल होगी। यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री निजी मिशन के तहत ISS पर जाएगा।
भारत और निजी अंतरिक्ष अभियानों के लिए बड़ी उपलब्धि

Ax-4 मिशन न केवल अंतरिक्ष में निजी कंपनियों की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है, बल्कि यह भारत और अमेरिका के बीच ISRO और NASA के सहयोग को भी मजबूत करता है। नासा की ISS प्रोग्राम मैनेजर डाना वेइगेल ने कहा, "निजी अंतरिक्ष मिशन माइक्रोग्रैविटी रिसर्च के लिए नए अवसर पैदा करने के साथ-साथ मानव अंतरिक्ष उड़ान की पहुंच को भी व्यापक बना रहे हैं।"

गगनयान मिशन को मिलेगा फायदा

इसरो इस मिशन पर करीबी नजर रखेगा, क्योंकि इससे मिलने वाले अनुभवों को भारत के गगनयान मिशन में भी इस्तेमाल किया जाएगा। भारत की यह ऐतिहासिक भागीदारी भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण और व्यावसायिक अंतरिक्ष यात्रा के दरवाजे खोल सकती है।

एशिया का पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना

एक्सियम स्पेस कंपनी भविष्य में दुनिया का पहला निजी स्पेस स्टेशन विकसित करने की योजना बना रही है और Ax-4 मिशन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। Ax-4 मिशन की तैयारियां जोरों पर हैं और भारत के शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक यात्रा को लेकर उत्साह लगातार बढ़ रहा है। यह मिशन वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष अभियानों में भारत की भागीदारी को एक नई ऊंचाई पर ले जाने वाला साबित हो सकता है।

सुनीता विलियम्स की सफल वापसी

सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से 5 जून 2024 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुए थे, लेकिन ये दोनों तकनीकी समस्याओं के कारण वहां फंस गए। नासा ने स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट को बिना चालक दल के वापस धरती पर लाने का फैसला किया था। अब 9 महीने बाद यह जोड़ी स्पेसएक्स ड्रैगन के क्रू-9 मिशन के साथ लौटी।

सुनीता विलियम्स के साथ नासा के निक हेग और रूस के रोस्कोस्मोस कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी इस मिशन का हिस्सा थे। यह मिशन, जो शुरू में केवल 8 दिनों के लिए निर्धारित था, तकनीकी खामियों के कारण 9 महीने तक खिंच गया। उनकी वापसी को भारत और विश्व भर में उत्साह के साथ देखा गया। गुजरात के झुलासन गांव, जो सुनीता का पैतृक गांव है, में लोगों ने उनकी सुरक्षित वापसी पर खुशी मनाई और आतिशबाजी की।

सुनीता विलियम्स की वापसी और शुभांशु शुक्ला की आगामी यात्रा भारत के अंतरिक्ष इतिहास में नए अध्याय जोड़ रही हैं। जहां सुनीता ने अपनी अद्भुत अंतरिक्ष यात्रा के साथ एक मिसाल कायम की है, वहीं शुभांशु भारत के अंतरिक्ष सपनों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार हैं।

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