कृषि मंत्री ने वन रेंजर ऑफिसर व एएसआई को निलंबित करने के दिए आदेश
सिरसा: प्रदेश के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने गुरुवार को दो अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड करने के आदेश दिए. स्थानीय पंचायत भवन में आयोजित जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में मंत्री ने पेड़ कटाई के मामले में आई शिकायत पर संज्ञान लेते हुए संबंधित रेंजर ऑफिसर को सस्पेंड करने के निर्देश दिए. साथ ही एक शिकायतकर्ता से पैसे मांगने के मामले में एएसआई को भी निलंबित करने के निर्देश दिए. मंत्री ने बैठक में 11 शिकायतों का मौके पर ही समाधान किया. चार को अगली बैठक में अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए. इस अवसर पर कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 16 लाभार्थियों को एक करोड़ 63 लाख रुपये की अनुदान राशि के चेक भी वितरित किए.
बैठक में मंत्री के समक्ष कालुआना गांव में पंचायत द्वारा बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के 210 पेड़ कटाई की शिकायत रखी गई. मंत्री ने सुनवाई के दौरान संबंधित अधिकारी से इस पूरे मामले की जानकारी ली. जिला वन अधिकारी ने बताया कि 210 पोल साइज पेड़ कटे हैं. मंत्री ने मौके पर रेंज ऑफिसर से भी जवाब मांगा लेकिन वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. इसके बाद मंत्री ने लापरवाही बरतने पर रेंज ऑफिसर को सस्पेंड करने तथा सरपंच के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
श्रवण कुमार निवासी दड़बा कलां ने कृषि मंत्री के समक्ष शिकायत रखी कि उनका उनके भाई के साथ जमीन को लेकर झगड़ा चला हुआ था. कोर्ट में उनके पक्ष में फैसला आया. इस पर उनका भाई व अन्य उनसे रंजिश रखे हुए हैं और उसे धमकी दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस (Police) न केवल लापरवाही बरत रही है, बल्कि जब पुलिस (Police) में अपने बयान दर्ज करवाने चाहे तो पुलिस (Police) द्वारा उनसे रिश्वत मांगी गई, जिसका उनके पास वीडियो भी है. इस पर मंत्री ने पुलिस (Police) अधिकारी से जानकारी मांगी. मंत्री ने इस मामले में संबंधित एएसआई रामनिवास को सस्पेंड कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
बैठक में कृषि मंत्री के समक्ष एक व्यक्ति ने शिकायत रखी कि उसकी माता का देहांत 2021 में हुआ था. जिसके बाद मजदूर हरियाणा (Haryana) भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में दाह संस्कार सहायता राशि योजना के लिए आवेदन किया था. विभाग के अधिकारी ने उन्हें पंचकूला में डिप्टी सेक्रेटरी से मिलने को कहा. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि सहायता राशि के बदले उनसे रिश्वत मांगी है. इस पर सुनवाई कर रहे मंत्री ने कहा कि शिकायतकर्ता इस संंबंध में शपथ पत्र दें, संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.