राजनीतिक

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश भर में चला अक्षत निमंत्रण कार्यक्रम, भाजपा के लिए बना बूस्ट

लखनऊ
 राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से विपक्ष के तमाम राजनीतिक दलों ने दूरी बनाए रखी। सभी के अपने-अपने तर्क थे। किसी को ये भाजपा का कार्यक्रम लगा, तो किसी ने कहा कि निर्माण पूरा होने के बाद वह दर्शन करने आएंगे। बहरहाल, लोकसभा चुनाव से ऐन पहले हुए बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम को लेकर राष्ट्रीय सेवक संघ की एक अहम रणनीति ने कहीं न कहीं भारतीय जनता पार्टी की राहें और आसान की हैं। दरअसल प्रतिष्ठा समारोह से पहले देश भर में 'अक्षत निमंत्रण कार्यक्रम' चलाया गया। विश्व हिंदू परिषद से लेकर संघ के तमाम अनुषांगिक संगठन और भाजपा संगठन के बूथ लेवल तक के कार्यकर्ताओं ने इसमें जोर-शोर से हिस्सा लिया। देश भर में 12 करोड़ परिवारों तक अक्षत वितरण होने का अनुमान है। खास बात ये है कि अक्षत वितरण का ये कार्यक्रम एक प्रकार से अनाधिकारिक 'सर्वे' भी था। आइए समझते हैं कैसे?

दरअसल अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह भैया जी जोशी ने श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इस दौरान अक्षत निमंत्रण कार्यक्रम की पूरी व्यवस्था की कमान संभाल रहे पदाधिकारियों के साथ प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आयोजन, प्रबंधन पर विस्तार से मंथन किया गया था।

आरएसएस ने झोंक दी ताकत

इसके बाद अक्षत वितरण कार्यक्रम को आरएसएस के संपर्क अभियान की तरह चलाने की रणनीति बनी। खास बात ये थी कि राम मंदिर आंदोलन के बाद ये आरएसएस का अब तक का सबसे बड़ा संपर्क अभियान बन गया। रणनीति बनी कि देश के पांच लाख गांवों और 12 करोड़ से ज्यादा परिवारों तक ये अक्षत निमंत्रण पहुंचाया जाएगा। आरएसएस के सभी अनुषांगिक संगठनों को इसमें लगाया गया। वहीं मंदिर आंदोलन की अगुवाई करने वाले विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के साथ संस्कार भारती, किसान भारती और विद्यार्थी परिषद को भी लगाया गया। भाजपा संगठन की तरफ से भी अपने बूथ लेवल तक के कार्यकर्ताओं को घर-घर अक्षत निमंत्रण पहुंचाने में लगाया।

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अक्षत निमंत्रण के दौरान लोगों को मंदिर आंदोलन में भाजपा और विश्व हिंदू परिषद की भूमिका भी बताई गई। यही नहीं राष्ट्रवाद के मुद्दे भी गिनाए गए। अक्षत निमंत्रण के बाद गांव-गांव, मोहल्ले-मोहल्ले महिलाओं के समूहों के माध्यम से कलश यात्रा, मंदिरों में सामूहिक सुंदरकांड का पाठ, भण्डारे आदि के आयोजन में भी कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और जनता से संपर्क साधा।

हर घर, परिवार का फीडबैक दर्ज

इस दाैरान एक प्रोफार्मा भी कार्यकर्ताओं को भरना होता था। इस प्रोफार्मा में हर घर के मुखिया का नाम, उनका पता और फोन नंबर के साथ ही उस परिवार का व्यवहार कार्यकर्ताओं के प्रति कैसा रहा? ये भी दर्ज किया गया। जानकारी के अनुसार एक बड़ा डेटा देश भर से जुटाया जा चुका है। जमीन स्तर से मिली इस फीडबैक का असर चुनाव तक होने वाले भविष्य के कार्यक्रमों में भी दिखेगा।

इस फीडबैक का बड़ा लाभ भाजपा की लोकसभा चुनाव की रणनीति में मिलने वाला है। इसी महीने लखनऊ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी एवं प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने प्रदेश के सभी मोर्चों की संयुक्त बैठक बुलाई थी। इसमें चुनाव से पहले कई अभियानों और कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संगठन का माइक्रो मैनेजमेंट साझा किया गया। इसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि सभी मोर्चे अपने-अपने अभियानों व कार्यक्रमों के माध्यम से लगातार युवा, किसान, महिला, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अल्पसंख्यक वर्ग के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व की केन्द्र सरकार व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की प्रदेश भाजपा सरकार के सेवा, सुशासन व गरीब कल्याण को समर्पित कार्यों को लेकर उनके बीच पहुंचे।

भाजपा इन कार्यक्रमों के लिए बना रही रणनीति
नवमतदाता अभियान, नमो वारियर्स, लखपति दीदी, बस्ती सम्पर्क, हॉस्टल संवाद, कैम्पस सम्पर्क, किसान संवाद, चाय पर संवाद, घर-घर सम्पर्क, लेखक सम्पर्क, स्मार्ट महिला सम्मेलन, स्पोटर्स महिला समूह सम्पर्क, एनजीओ सम्पर्क, सेल्फी विथ लाथार्थी तथा कमल मित्र जैसे अभियानों के माध्यम से मोर्चो को युवाओं, महिलाओं, किसानों, पिछड़ो, अनुसूचित वर्ग, आदिवासियों व अल्पसंख्यको के साथ सतत सम्पर्क व सतत संवाद के माध्यम से मोदी जी व योगी जी के नेतृत्व की सरकारों के कार्यो के लेखा-जोखा के साथ चर्चा करना है।

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