अन्तर्राष्ट्रीय

मिडिल ईस्ट में इजरायल की सपोर्ट के लिए अमेरिका की तीनों सेनाएं मौजूद, हर पल युद्ध के लिए तैयार

वॉशिंगटन
 अमेरिका ने लगभग एक साल से मिडिल ईस्ट में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाई हुई है। लगभग 40 हजार सैनिक, कम से कम एक दर्जन युद्धपोत, चार वायुसेना लड़ाकू जेट स्क्वाड्रन अमेरिका ने तैनात किए हुए हैं। ऐसा इसलिए ताकि अमेरिका अपने सहयोगियों के खिलाफ होने वाले हमलों को रोक सके। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव ने फिर चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस कारण संघर्ष एक पूर्ण युद्ध में बदल सकता है। इजरायल का हमास के खिलाफ हमला भी लगभग एक साल से चल रहा है। हिजबुल्लाह ने पेजर हमले के बाद कहा है कि इजरायल ने सारी हदें पार कर दी हैं।

पहले से ही मिडिल ईस्ट में बड़ी संख्या में अमेरिकी सेना है। नवीनतम हमलों ने सेना में वृद्धि या बदलाव का संकेत नहीं दिया है। आम तौर पर लगभग 34000 अमेरिकी सेनाएं यूएस सेंट्रल कमांड में तैनात की जाती हैं, जो पूरे मिडिल ईस्ट को कवर करता है। इजरायल-हमास युद्ध के शुरुआती महीनों में अतिरिक्त जहाजों और विमानों को भेजे जाने के कारण सैनिकों की संख्या लगभग 40000 पहुंच गई। कुछ सप्ताह पहले यह संख्या 50 हजार तक भी चली गई थी।

अमेरिका की कितनी नेवी तैनात

मिडिल ईस्ट में अमेरिका की नेवी भी तैनात है। अमेरिका ने विमानवाहक पोत की तैनाती बढ़ाई है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन पिछले वर्ष में कई बार एयर क्राफ्ट कैरियर की तैनाती बढ़ा चुके हैं। कई मौकों पर तो इजरायल की सुरक्षा के लिए एक साथ दो एयरक्राफ्ट कैरियर देखे गए जो बेहद दुर्लभ होता है। कई बार अमेरिका सैन्य कमांडर कहते रहे हैं कि लड़ाकू जेट की निगरानी विमानों और मिसाइलों की सीरीज ईरान को रोकने के लिए पर्याप्त है। अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस अब्राहम लिंकन और उसके तीन विध्वंसक ओमान की खाड़ी में मौजूद हैं। जबकि अमेरिकी सेना के दो जहाज लाल सागर में हैं। एक पनडुब्बी भी क्षेत्र में हैं। पूर्वी भूमध्य सागर में छह अमेरिकी युद्धपोत हैं।

एयरफोर्स भी तैनात

अमेरिकी एयरफोर्स ने पिछले महीने यहां एफ-22 लड़ाकू विमानों का एक अतिरिक्त स्क्वाड्रन भेजा, जिससे मिडिल ईस्ट में भूमि आधारित स्क्वाड्रनों की कुल संख्या चार हो गई। इसी में A-10 थंडरबोल्ट II ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट, F-15E स्ट्राइक ईगल्स और F-16 लड़ाकू जेट का एक स्क्वाड्रन भी है। वायुसेना ने यह नहीं बताया कि आखिर विमान किन देशों में हैं। एफ-22 लड़ाकू जेट का शामिल होना अमेरिकी सेना को बड़ी ताकत देता है, क्योंकि इसे रडार पर देखना मुश्किल होता है।

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