बिहार में भी मिले शराब पीने की छूट, लागू हो गुजरात मॉडल, जीतनराम मांझी की नीतीश कुमार से मांग
पटना
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गुजरात की तरह बिहार में भी शराब पीने की छूट देने की मांग की है। मांझी ने कहा कि जैसे गुजरात में इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट) को शराबबंदी कानून में छूट देने की घोषणा की गई है, वैसे ही बिहार में भी शराब की खपत पर नियमों में ढील देने की आवश्यक्ता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार में गुजरात का शराबबंदी का नया मॉडल लागू करना चाहिए, क्योंकि इससे व्यापार और विदेशी मुद्रा में वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा, "बिहार को लगातार राजस्व का नुकसान हो रहा है। शराबबंदी (2016 में) के कारण राज्य में पर्यटन को नुकसान हुआ है। मैंने यह बार-बार कहा है कि सीमित मात्रा में शराब का सेवन गरीबों और श्रमिकों सहित अन्य लोगों के लिए फायदेमंद है।" मांझी ने कहा, "मैं इस तरह का निर्णय लेने के लिए गुजरात सरकार को धन्यवाद देता हूं। अगर बिहार में भी ऐसा किया जाता है तो विदेशी मुद्रा में 10 गुना वृद्धि होगी।"
जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, '2005 से 2010 तक नीतीश कुमार ने हर घर में शराब उपलब्ध कराई और आज वह कह रहे हैं कि वह शराब पीने के खिलाफ हैं।' आपको बता दें कि 2016 में बिहार सरकार ने राज्य भर में शराब की बिक्री, खरीद, खपत, निर्माण और भंडारण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। यदि कोई भी निषेध कानून का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो भारी जुर्माना और सख्त सजा का प्रावधान है। वहीं, गुजरात सरकार ने शुक्रवार को गिफ्ट सिटी में "वाइन एंड डाइन" सेवा प्रदान करने वाले होटलों, रेस्तरां और क्लबों में शराब के सेवन की अनुमति दे दी। यह गुजरात में शराब की खपत में पहली ऐसी छूट है।