अम्बाला: एटीएफआई प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने पंजाब के राज्यपाल को दिया ज्ञापन
- शांडिल्य बोले : किसी कीमत पर खालिस्तान आतंकवादियों को नहीं होने देंगे रिहा
अम्बाला: एंटी टेरेरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य के नेतृत्व में बुधवार को फ्रंट का शिष्टमंडल पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से पंजाब राज भवन में मिला और तक़रीबन आधे घंटे तक शांडिल्य व राज्यपाल के बीच अहम चर्चा हुई. इस अवसर पर फ्रंट के राष्ट्रीय महासचिव अंकुश उप्पल, राष्ट्रीय महासचिव गुरशरण सिंह बिट्टू, राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र बिट्टू जट्ट, पंजाब प्रभारी एडवोकेट अंकुर शर्मा मौजूद रहे।
शांडिल्य ने राज्यपाल को बताया कि पिछले कई महीनों से चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर कौमी इंसाफ मोर्चा,खालिस्तानी समर्थक, कट्टरपंथी, जरनैल सिंह भिंड रावाला समर्थक व बब्बर खालसा के जो आतंकवादी जेल में बंद है, उनकी रिहाई की मांग को लेकर रोड पर कब्जा किया हुआ है. धरने के आसपास जरनैल सिंह भिंड रावाला, आतंकवादी जगतार सिंह हवारा, आतंकवादी बलवंत सिंह राजोआना, आतंकवादी परमजीत सिंह भयौरा, आतंकवादी देवेंद्र सिंह भुल्लर के पोस्टर लगाकर धरने पर बैठे हैं. वे उन शहीदों का अपमान है जिन शहीदों को इन आतंकवादियों ने मौत के घाट उतारा है. शांडिल्य ने कहा यही नहीं कौमी इंसाफ मोर्चा का यह धरना सरकार को, प्रशासन को, देश की जनता को सिख भाईचारे को गुमराह करने के लिए लगाया गया है.
इस मोर्चे को बंदी सिखों की रिहाई का नाम दिया गया, जबकि बंदी सिखों की रिहाई के नाम पर कुख्यात आतंकवादियों की रिहाई की मांग कर भारत के संविधान, भारत के कानून को चुनौती दी जा रही है. शांडिल्य ने राज्यपाल को दिए ज्ञापन में कहा कि यह धरना गैर कानूनी, गैरसंवैधानिक व पंजाब की अमन और शांति के लिए आने वाले दिनों में बहुत बड़ा खतरा बन सकता है. इस धरने में सिर्फ देश विरोधी व आतंकवादियों के परिवार व खालिस्तान की बात करने वाले कट्टरपंथी बैठे हैं.
इस मोर्चे को उठवाने में जिला मोहाली पुलिस व पंजाब पुलिस अब तक कई महीनों से कानून व्यवस्था के नाम पर चुप बैठी है, जबकि इस देश में संविधान व कानून से बड़ा कोई नहीं है. राज्यपाल पंजाब को शांडिल्य ने कहा पहले अमृतपाल सिंह को खतरा बताते हुए एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने राज्यपाल को ज्ञापन दिया था जिस पर कारवाई हुई और अमृतपाल आज सलाखों के पीछे है और पंजाब का माहौल शांत है.