अन्तर्राष्ट्रीय

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाक ने बड़ा कदम उठाते हुए 23 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेजा

इस्लामाबाद
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) सीजन 10 के दौरान काम कर रहे 23 भारतीय नागरिकों को वापस भारत भेज दिया है। यह निर्णय हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया है, जिसमें 26 भारतीय पर्यटक मारे गए थे। पाकिस्तान पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि PSL के प्रसारण दल में शामिल इन 23 भारतीयों को लाहौर से वाघा सीमा के रास्ते भारत भेजा गया। यह कार्रवाई पाकिस्तान सरकार के आदेशों पर की गई। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन भारतीयों को बिना किसी अन्य कार्रवाई के सीधे सीमा पर पहुँचाकर भारत रवाना किया गया।
 
सीमाएं बंद, वीजा सुविधाएं भी रद्द
भारत ने पहलगाम हमले के बाद अटारी-वाघा सीमा को बंद करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों के लिए SAARC वीजा छूट योजना (SVES) भी रद्द कर दी है, जिससे पाकिस्तानी नागरिक अब विशेष अनुमति के बिना भारत नहीं आ सकेंगे। पाकिस्तान ने भी जवाबी कदम उठाते हुए वाघा सीमा को तत्काल प्रभाव से बंद करने का ऐलान किया है। पाकिस्तान ने कहा है कि भारत से आने-जाने वाला हर प्रकार का सीमापार यातायात फिलहाल पूरी तरह से निलंबित रहेगा। केवल पहले से वैध परमिट धारकों को वापस लौटने की अनुमति दी गई है। साथ ही पाकिस्तान ने भारतीय नागरिकों के लिए SAARC वीजा छूट के तहत जारी सभी वीजा रद्द कर दिए हैं, हालांकि सिख तीर्थयात्रियों को अस्थायी रूप से छूट दी गई है।

भारत पर लगाए गंभीर आरोप
पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने भारत पर आरोप लगाया कि वह पहलगाम जैसी घटनाओं का इस्तेमाल "संकीर्ण राजनीतिक हितों" को साधने के लिए कर रहा है। समिति ने कहा कि भारत के “प्रतिशोधी रवैये” से क्षेत्र में शांति और स्थिरता को खतरा पैदा हो रहा है।पाकिस्तान ने भारतीय मीडिया पर भी निशाना साधते हुए कहा कि "भारतीय राज्य नियंत्रित युद्धोन्मादी मीडिया" क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा दे रहा है, जिसे लेकर भारत को आत्मचिंतन करना चाहिए।

तनाव बढ़ने के संकेत
स्पष्ट है कि पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए सख्त कदमों से पाकिस्तान में बौखलाहट है। PSL से भारतीय कर्मचारियों को निष्कासित करना, सीमाओं को बंद करना और वीजा सुविधाओं को रद्द करना, सब इसी प्रतिक्रिया का हिस्सा हैं। दोनों देशों के बीच इस समय कूटनीतिक संबंधों में भारी तनाव है और क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर वैश्विक चिंता भी गहराती जा रही है।

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