ग्रामीणोंके साथ कुठाराघात बर्दाश्त नहीं: थान सिंह
टीम एक्शन इंडिया
नई दिल्ली: दिल्ली पंचायत संघ की गांव भलस्वा के किसानों की कृषि भूमि जो शासन-प्रशासन द्वारा माननीय न्यायालय द्वारा अधिग्रहण रद्द करने के बाद भी कब्जे में है को लेकर पंचायत की। पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव ने कहा की शासन-प्रशासन के द्वारा गांव ग्रामीण किसानों के साथ दोयम दर्जे के व्यवहार को लेकर इनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव ओर जल्द इस कृषि भूमि को किसानों को हजार्ने के साथ वापिस करने की मांग का प्रस्ताव पास किया। पंचायत की अध्यक्षता कृष्ण यादव ने की।
इसमे पूर्व मंत्री देवेंद्र सिंह शौकीन,17 गांव खाप कराला की तरफ से पूर्व प्रधानाचार्य ओमवीर शौकीन, सह प्रमुख सुनील शर्मा मादीपुर, पंच प्रमुख अधिवक्ता यमन यादव , गांव भलस्वा अध्यक्ष दिनेश यादव, रेजिडेंट्स वेलफेयर एशोसियेशन भलस्वा गांव सचिव भगवान यादव, गांव पंचायत प्रमुख भलस्वा मन्नू यादव व कई गांवों के पंचायत प्रमुख व गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
पंच प्रमुख अधिवक्ता यमन यादव ने कहा की वर्ष 1998 में गांव भलस्वा के किसानों की कृषि भूमि रकबा 929 बीघा 15 बिस्वा जमीन अधिग्रहण नियम 17 के तहत अधिग्रहण स्लम बस्ती बनाने के लिए की। जिस पर माननीय न्यायालय के एक आदेश 31मई 2002 में इस अवार्ड 18 के तहत अधिग्रहण नोटिफिकेशन रकबा 929 बिघा की कार्रवाई को रद्द कर दिया। इसके उपरांत भी शासन प्रशासन ने किसानों को जमीन वापस नहीं की और ना ही इस आदेश के बारे में किसानों को अवगत कराया गया।
वर्ष 2003 में पुन: पूरे रकबे 929बीघा 15 बिसवा को नये अधिग्रहण नोटिफिकेशन नियम 4 के तहत अधिग्रहण की कार्रवाई की। जिसमें नोटिफिकेशन नियम 6 के तहत 929बीघा 15बिसवा में से 423 बीघा कृषि भूमि छोड़ दी गई। इसी भूमि 423 बीघा का अवार्ड 18 के अधिग्रहण रद्द होने के बाद और नये अवार्ड 24 नोटिफिकेशन में नहीं लेने के बाद भी आज तक किसानों को कृषि भूमि वापिस नहीं की।
इस संबंध में अधिवक्ता यमन यादव पिछले दो वर्षों से संबंधित विभाग व भूमि अधिग्रहण कलेक्टर (उत्तरी अलीपुर दिल्ली) से पत्राचार व आर टी आई द्वारा जानकारी मांगने पर भी नहीं दी जा रही है।