शहर के अलावा अब भाजपा गांव तक अपनी पकड़ और अधिक मजबूत करने के लिए गांव चलो अभियान चलाएगी
भोपाल
शहर के अलावा अब भाजपा गांव तक अपनी पकड़ और अधिक मजबूत करने के लिए गांव चलो अभियान चलाएगी। अब तक भाजपा ने जितने अभियान चलाए, बूथ सशक्तिकरण या बूथ चलो के नाम से बनाए हैं, लेकिन पहली बार भाजपा 'गांव चलो' अभियान शुरू करने जा रही है। पार्टी इसके माध्यम से कार्यकर्ता को गांव तक मोबलाइज करना चाहती है। अभियान में नौ से 11 फरवरी तक केंद्रीय मंत्री, सांसद, मुख्यमंत्री और पूरा मंत्रिमंडल सहित पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता गांव में 24 घंटे बिताएंगे और पूरे प्रदेश में गांव एवं नगरीय बूथों पर भाजपा की रीति नीति, केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार करेंगे।
गांवों पर अधिक फोकस होगा
भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों का मानना है कि बूथ को मजबूत करने के लिए पार्टी जो कार्यक्रम बनाती है, उसमें ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा में शहरी क्षेत्रों में ध्यान अधिक केंद्रित रहता था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति के तहत अब गांवों पर फोकस अधिक होगा। पार्टी के अध्ययन में भी यह बात सामने आई है कि शहर और गांव के वोट प्रतिशत में भी काफी अंतर रहता है, इसलिए इस बार भाजपा का ध्यान गांवों पर अधिक है। इस हिसाब से देखा जाए तो लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का गांव चलो अभियान मास्टर स्ट्रोक होगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गांव के समग्र विकास के संकल्प को लेकर सभी गांवों तक केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को पहुंचाया जाएगा।
तीन फरवरी तक होगी तैयारी
अभियान की तैयारियां तीन फरवरी तक की जाएगी और तृतीय चरण में समीक्षा बैठक 14 फरवरी तक होगी। मध्य प्रदेश में तीन फरवरी से पहले जिला और मंडल स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। मतदाताओं तक पहुंचना इस अभियान का लक्ष्य होगा, ताकि सभी को मतदान करने के साथ-साथ योजनाओं की जानकारी मिल सके। मतदाता सूची में जिनके नाम नहीं हैं और जिन्हें इसकी जानकारी नहीं हैं उनकी मदद करके उनका नाम जुड़वाया जाएगा। अभियान की तैयारियों के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा संभाग और जिलेवार बैठकें कर गांव रहे हैं।
58 प्रतिशत वोट हासिल करने का लक्ष्य
केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को धरातल पर ‘गांव चलो अभियान’ के माध्यम से उतारकर भाजपा ने 58 प्रतिशत वोट हासिल करने का लक्ष्य रखा है। भाजपा का मानना है कि लोकसभा चुनाव में जब कार्यकर्ता लोगों को अपनी बात कहेंगे तो लोगों का उस पर विश्वास ज्यादा होगा क्योंकि चाहे केंद्र की योजनाएं हो या फिर राज्य की सभी का लाभ हितग्राहियों को मिल रहा है और वो अब पार्टी के कार्यकर्ता को सम्मान की नजर से देखते हैं। पार्टी का प्रयास है कि अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक प्रधानमंत्री मोदी की योजना का लाभ पहुंचे। विधानसभा चुनाव में जिन बूथों पर हमें हार मिली है उसको जीतना एवं जीते हुए बूथों पर 10 प्रतिशत वोट शेयर बढ़ाना का भी लक्ष्य है।