दिल्ली

सेवा विवाद: समर्थन मांगने के लिए इस सप्ताह ममता, पवार, उद्धव ठाकरे से मिलेंगे केजरीवाल

नई दिल्ली। प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ गतिरोध के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इस सप्ताह तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा के प्रमुखों से मुलाकात कर उनका समर्थन मांगेंगे। केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वह मंगलवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की अपनी समकक्ष एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे।

आम आदमी पार्टी (आप) के सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल बुधवार को मुंबई में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे तथा 25 मई को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करेंगे। इससे पहले दिन में, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने केजरीवाल से यहां उनके आवास पर मुलाकात की और संबंधित मुद्दे पर उन्हें पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया।

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में जद (यू) नेता कुमार ने कहा कि वह अन्य विपक्षी दलों से भी इस मामले में केजरीवाल के समर्थन में आने का आग्रह करेंगे। केंद्र ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और दानिक्स कैडर के अधिकारियों के स्थानांतरण तथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के वास्ते शुक्रवार को एक अध्यादेश जारी किया।

पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि मामलों को छोड़कर अन्य सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली की निर्वाचित सरकार को देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के एक सप्ताह बाद केंद्र का अध्यादेश आया। अध्यादेश को छह महीने के भीतर संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना होता है। इसे संसद के दोनों सदनों में पारित कराने के लिए केंद्र को एक विधेयक लाना होगा।

केजरीवाल ने कहा कि अगर विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो पाता है, तो यह संदेश जाएगा कि भाजपा 2024 का लोकसभा चुनाव हार जाएगी। आप के राष्ट्रीय संयोजक ने संवाददाताओं से कहा, “यह 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल होगा।” केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि वह सभी विपक्षी दलों के प्रमुखों से इस मामले में उनका समर्थन लेने के लिए व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे, ताकि अध्यादेश की जगह केंद्र द्वारा लाया जाने वाला कोई भी विधेयक राज्यसभा में पारित न हो पाए।

उन्होंने कहा, “परसों (मंगलवार) मेरी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ अपराह्न तीन बजे कोलकाता में बैठक है। उसके बाद मैं हर पार्टी के अध्यक्ष से मिलूंगा और राज्यसभा में विधेयक आने पर उसे विफल करने के लिए उनका औपचारिक समर्थन मांगूंगा।” केजरीवाल ने कहा, “मैंने नीतीश कुमार जी से भी इस संबंध में सभी (विपक्षी) दलों से बात करने का अनुरोध किया है।

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