सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दे दी है। इलाहबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद मस्जिद परिसर में एएसआई का सर्वे जारी है। इसे रुकवाने के लिए मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की रोक की अर्जी खारिज कर दी है। अदालत ने कहा इससे क्या नुकसान है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सर्वे की रिपोर्ट सीलबंद रहेगी। जब संबंधित अदालत के पास जाएगी और इस पर फाइनल सुनवाई होगी तब ये तय होगा कि सर्वे के कौन से हिस्से को लिया जाए और कौन से हिस्से को छोड़ा जाए। सबूतों के आधार पर अदालत निर्णय करेगी। लिहाजा सर्वे होने में कोई दिक्कत नहीं है। सीजेआई ने अपने आदेश में कहा है कि हम ये सुनिश्चित करेंगे कि विवादित ढांचे जिसे मस्जिद कहा जाता है वहां खुदाई न हो। ये बात एएसआई पहले ही ऑन रिकॉर्ड कर चुकी है।
अयोध्या मामले में भी एएसआई ने सर्वे किया था
अपने फैसले के पैरा 21 में हाई कोर्ट ने इस आशंका से निपटा है कि सर्वेक्षण में साइट पर मौजूद संरचना की खुदाई या विनाश की परिकल्पना की जाएगी। हाई कोर्ट ने एएसआई के एडीजी और यूओआई की ओर से पेश एएसजी का बयान दर्ज किया है। इस पृष्ठभूमि में हाई कोर्ट ने पाया कि चूंकि पुरातत्व विभाग ने व्यक्त किया था कि कोई नुकसान नहीं होगा, इसलिए सर्वेक्षण किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अयोध्या मामले में भी एएसआई ने सर्वे किया था। सीजेआई ने कहा कि एएसआई संरचना को नुकसान नहीं पहुंचाएगा क्योंकि यह स्मारकों को संरक्षित करता है।
मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि सर्वे का काम प्लेसेज ऑफ वर्सिप एक्ट का उल्लंघन है। लेकिन कोर्ट ने कहा कि हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि विवादित ढांचे को किसी भी तरह का नुकसान न हो। हम आदेश देते हैं कि पूरी प्रक्रिया गैर-आक्रामक पद्धति से संपन्न की जाएगी। हम एचसी के निर्देश को दोहराते हैं कि कोई खुदाई नहीं होगी।
कैसे बढ़ता गया पूरा मामला
चंद औरतों की तरफ से पूजा की अर्जी लगाई गई थी। जिसके बाद धीरे-धीरे ये मामला बढ़ता गया और आज की तारीख में मामले पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस बात को हरी झंडी दे दी गई है कि एएसआई यानी भारत का पुरात्तविक सर्वेक्षण संस्था पूरे परिसर का सर्वे करेगी। श्रृंगार गौरी की पूजा की मांग वाली याचिका सुनवाई योग्य माने जाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। वहीं, सीजेआई ने कहा कि प्लेसेज ऑफ़ वर्शिप एक्ट पर अभी सुनवाई नही करेंगे।