
अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम पर हमला: पाक ने कतर भेजा रक्षा मंत्री, तालिबान से होगा सुलह प्रयास
दोहा
पाकिस्तान और अफगान तालिबान शासन के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव में एक नया मोड़ आ गया है। पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में की गई हवाई कार्रवाई में कम से कम 10 नागरिक मारे गए, जिसके बाद दोनों पक्षों ने कतर की राजधानी दोहा में आपातकालीन शांति वार्ता बुलाने का फैसला किया है। इन हमलों में अफगानिस्तान के तीन क्रिकेटर भी मारे गए हैं। अब तालिबान के साथ बातचीत के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और खुफिया प्रमुख जनरल आसिम मलिक के नेतृत्व में उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल दोहा भेजा है। वहीं अफगान पक्ष के रक्षा मंत्री मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल शनिवार को पहुंचने वाला है।
यह घटना उस 48 घंटे के अस्थायी युद्धविराम के ठीक बाद हुई है, जो बुधवार शाम को प्रभावी हुआ था और हाल ही में दोहा वार्ता के समापन तक बढ़ा दिया गया था। तालिबान अधिकारियों ने हमलों को "युद्धविराम का उल्लंघन" करार देते हुए प्रतिशोध की चेतावनी दी है, जबकि पाकिस्तान का दावा है कि ये सटीक हवाई हमले अफगानिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी समूहों, खासकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों पर किए गए थे।
कैसे भड़का विवाद?
पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर संघर्ष की जड़ें गहरी हैं, लेकिन हालिया दौर 11 अक्टूबर को शुरू हुआ जब अफगान बलों ने कुर्रम जिले में पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर गोलीबारी की। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में अफगानिस्तान के कंधार और हेलमंद प्रांतों में ड्रोन हमले किए, जिसमें 19 तालिबान लड़ाकों की मौत का दावा किया गया। तालिबान ने इसे "सीमा उल्लंघन" बताते हुए पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिसमें उन्होंने 58 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत का दावा किया। पाकिस्तानी सेना के अनुसार, संघर्ष में उसके 23 सैनिक शहीद हुए। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक, अब तक के संघर्ष में कम से कम 18 लोग मारे गए और 360 घायल हुए हैं। कंधार के स्पिन बोल्दाक जिले में पाकिस्तानी हवाई हमले से 15 नागरिक मारे गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे। स्थानीय अस्पतालों में 80 से अधिक घायलों का इलाज चल रहा है।
17 अक्टूबर को युद्धविराम बढ़ाने के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने पक्तिका प्रांत के अर्गुन और बरमल जिलों में हमले किए। तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएफपी को बताया, "पाकिस्तान ने युद्धविराम तोड़ा और पक्तिका में तीन स्थानों पर बमबारी की। अफगानिस्तान जवाब देगा।" प्रांतीय अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, हमलों में 10 नागरिक मारे गए, जिनमें दो बच्चे शामिल हैं, और 12 अन्य घायल हुए। इनमें 3 स्थानीय क्रिकेटर भी मारे गए, जो उर्गुन जिले लौट रहे थे। अफगान क्रिकेट बोर्ड के प्रवक्ता सैयद नसीम सादात ने इसकी पुष्टि की है।
दोहा वार्ता: शांति की उम्मीद या नया संकट?
दोहा में वार्ता कतर की मध्यस्थता में हो रही है, जो दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को कहा, "हम काबुल के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, बशर्ते वे हमारी सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से लें। इन आतंकियों ने हमारे नागरिकों, सेना और पुलिस को निशाना बनाया है। हमारी धैर्य की सीमा पार हो चुकी है।" उन्होंने अफगानिस्तान को टीटीपी जैसे समूहों को शरण देने का आरोप लगाया।
तालिबान सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है और पाकिस्तान पर "गलत सूचना फैलाने" का इल्जाम लगाया है। अफगान गृह मंत्री खलीफा सिराजुद्दीन हक्कानी ने ईरानी अधिकारियों से मुलाकात में कहा कि अफगानिस्तान पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान खोजने की अपील की है।
सीमा पर स्थिति: तनाव बरकरार
सीमा पर हालात नाजुक बने हुए हैं। चमन जिले के निवासी नजीबुल्लाह खान ने बताया, "लोगों की जान पर बनी है। गोलियां घरों में गिर रही हैं।" स्पिन बोल्दाक में तालिबान लड़ाके टैंकों पर सवार होकर गश्त कर रहे हैं, जबकि पाकिस्तानी सेना ने डुरंड लाइन पर सतर्कता बढ़ा दी है। युद्धविराम के बावजूद, दोनों पक्षों के बीच अविश्वास गहरा है।