सरकारी दफ्तरों तक होगा आयुष्मान योजना का विस्तार, एमपी बनेगा पहला राज्य
भोपाल
मध्यप्रदेश के शासकीय कर्मचारियों, कार्यकर्ताओं और संविदा कर्मियों को आयुष्मान भारत निरामयम प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत शामिल किया जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव वीरा राणा सहित दस आईएएस मिलकर पॉलिसी बनाएंगे।
मध्यप्रदेश में अब आयुष्मान भारत निरामयम प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत पूर्व में स्वीकृत पात्र श्रेणियों में सम्मिलित हितग्राहियों के अतिरिक्त सभी आंगानबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, आशा तथा उषा कार्यकर्ता, आशा सुपरवाईजर, कोटवार और संविदा कर्मियों को हर साल पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य सुरक्षा लाभ स्वीकृत किया जाना है। इसके लिए विस्तृत दिशा निर्देश तैयार कर जारी करने के लिए मुख्य सचिव वीरा राणा की अध्यक्षता में राज्य सरकार ने दस आईएएस अधिकारियों की समिति बनाई है। इस समिति में स्वास्थ्य विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव, वित्त, राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव, राष्टÑीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध संचालक सदस्य होंगे। आयुष्मान भारत निरामयम मध्यप्रदेश के मुख्य कार्यपालन अधिकारी इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। यह समिति इन नई श्रेणी के कर्मचारियों को आयुष्मान का लाभ देने के लिए नीति तैयार करेगी और उसका मध्यप्रदेश में क्रियान्वयन सुनिश्चित कराएगी।
कई गंभीर रोगों का नि:शुल्क इलाज
इस योजना के सभी पात्र परिवारों को हर साल पांच लाख रुपए तक का सरकारी और निजी अस्पतालों में मुफ्त उपचार कराने की सुविधा मिलेगी। भर्ती होंने से सात दिन पहले तक की जांचे, भर्ती के दौरान उपचार व भोजन और डिस्चार्ज होंने के दस दिन बाद तक चैकअप और दवाएं नि:शुल्क दी जाएंगी। अस्पताल में भर्ती होंने पर कोरोना, कैंसर, गुर्दा रोग, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, डायलिसिस, घुटना एवं कूल्हा प्रत्यारोपण, नि:संतानता, मोतियाबिंद और अन्य गंभीर बीमारियों का नि:शुल्क उपचार इस योजना के तहत किया जाता है।